ग्वालियर-चंबल में विकराल हुये बाढ़ के हालात ,रेस्क्यू जारी
ग्वालियर।
ग्वालियर-चंबल अंचल में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। अब तक 8 हजार लोगों को होमगार्ड, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वायुसेना और आर्मी ने रेस्क्यू किया है। सिंध, कूनो, पार्वती और क्वारी नदियों का जलस्तर कम होने से शिवपुरी, दतिया, श्योपुर में आई बाढ़ में कमी आई है, लेकिन गांवों में पानी अब भी भरा हुआ है। अब चंबल खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी। चंबल-मुरैना में करीब 5.25 मीटर और भिंड में 2 मीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
चंबल नदी में लगातार पानी बढ़ रहा है। बुधवार को मुरैना-भिंड में करीब 35 से ज्यादा गांव खाली करा लिए गए हैं। मौसम विभाग ने श्योपुर-शिवपुरी, अशोकनगर-गुना में 24 घंटे तेज बारिश की चेतावनी देकर डरा दिया है। राजस्थान के कोटा बैराज से भी चंबल नदी में पानी छोड़ा गया है।
ग्वालियर-चंबल अंचल की चार नदियां चंबल, सिंध, पार्वती व कूनो उफान पर हैं। अभी तक कूनो ने श्योपुर, सिंध, पार्वती ने शिवपुरी, ग्वालियर व दतिया में हालात बेकाबू कर दिए थे। अब जब यह नदियां कुछ शांत हुईं, तो चंबल ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। बुधवार सुबह से चंबल नदी में पानी तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार रात तक चंबल मुरैना में कई जगह 5 से 6 फीट तक पानी खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। NDRF, SDRF के साथ ही सेना की कॉलम (एक कॉलम में 80 जवान होते हैं) को तैनात कर दिया है। बुधवार रात नदी किनारे बसे कई गांव को खाली करा लिए गए। यही हालात भिंड में हैं। यहां भी चंबल के पुराने पुल पर पानी की रफ्तार बढ़ गई है। गुरुवार सुबह तक चंबल में पानी तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार शाम ग्वालियर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी चंबल के लगातार बढ़ रहे जलस्तर पर चिंता जताई है। CM ने कहा है, शिवपुरी-श्योपुर में हालात सामान्य हो चले हैं, लेकिन मुरैना-भिंड में संकट टला नहीं है।
ग्वालियर-चंबल अंचल में 1225 गांव बाढ़ की चपेट में आकर प्रभावित हुए हैं। यहां रेस्क्यू दल लगातार काम कर रहे हैं। दो दिन में 8 हजार जिंदगियों को बचाया है। 1950 लोग अभी भी फंसे हैं। इन्हें बचाने के लिए बचाव दल युद्ध स्तर पर जुटे हैं।
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