एसपी- कलेक्टर ने किया पालकी पूजन
उज्जैन ।
श्रावण मास के तीसरे सोमवार पर उफनती शिप्रा ने अवंतिकानाथ के चरण पखारे, सुबह से हो रही झमाझम बारिश के कारण नदी का जल स्तर बढ़ गया था। शाम को 4.30 बजे भगवान महाकाल की पालकी जब शिप्रा तट पर पहुंची, घाट पर ऊपर तक पानी था। पुजारियों ने मोक्षदायिनी के जल में ही पालकी को विराजित किया और खड़े रहकर भगवान महाकाल का अभिषेक पूजन किया। सवारी के महाकाल मंदिर से शिप्रा तट तक पहुंचने के दौरान भी बारिश का दौर जारी था। मंदिर के सभा मंडप में दोपहर 3.30 बजे कलेक्टर आशीषसिंह व एसपी सत्येंद्र शुक्ला ने सपत्निक भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया।
इस वर्ष श्रावण मास के शुरुआती दो सोमवार को आसमान में बादल छाए रहने के बाद ही बारिश नहीं हुई थी। भक्त भगवान से उत्तम वृष्टि के लिए प्रार्थना कर रहे थे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी देश, प्रदेश व नगर में पर्याप्त बारिश के लिए पहले सोमवार को भगवान महाकाल का रूद्राभिषेक किया था। आखिरकार भगवान ने भक्तों की प्रार्थना स्वीकार की और सोमवार को जोरदार बारिश के साथ शिप्रा भी उफन पड़ी। खंडवृष्टि की आंशका से चिंतित नगरवासियों ने भगवान महाकाल की कृपा से राहत की सांस ली।
भगवान महाकाल के नगर भ्रमण के लिए सवारी मार्ग को रंगबिरंगी ध्वजा,रंगोली तथा फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया था। रास्तेभर की गई रंगारंग आतिशबाजी ने भक्तों का मनमोह लिया, भक्तों में व्यापक उत्साह नजर आया । हरसिद्धि मंदिर पर शिव शक्ति मिलन के अद्भुत दृश्य को देखकर भक्त निहाल हो गए।
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