Sidhi News :मनरेगा में धांधली एवं भ्र्ष्टाचार: मशीनों से हो रहे मनरेगा के कार्य, काम एंव मजदूरी के लिए भटक रहे गरीब
मामला मझौली जनपद के ग्रामपंचायत पांड का
सीधी/ मझौली।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण अधिकांश उद्योग धंधे बंद हो जाने से। पेट पालने के लिए बाहर गए मजदूर सभी जान बचाकर वापस घर लौट आए हैं। ऐसे मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए भले ही शासन द्वारा कई योजनाएं संचालित की गई हो वही मनरेगा योजना में काम देने का दावा जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा हो, लेकिन जनपद की कई ग्राम पंचायतों में स्थिति एकदम उल्टी सामने आ रही है। वैसे तो मझौली जनपद क्षेत्र के अधिकांश ग्राम पंचायतों में इसी तरह का भ्रष्टाचार किया जा रहा है पर जिस तरह से जनपद कार्यालय के नजदीकी ग्राम पंचायत पांड में भ्रष्टाचार व्याप्त है शायद जिले की किसी ग्राम पंचायत में नहीं होगा जिसका मामला तब सामने आया जब मशीनरी का उपयोग कर सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया लोग की सूचना पर जब मीडिया की टीम वहां पहुंची तो काफी कुछ अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार सामने आया ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि एक और जहां हितग्राही मूलक योजनाएं कमीशन खोरी के भेंट चढ़ रही है वही निर्माण कार्य भी भ्रष्टाचार की भेंट चाह रहे हैं यहां तक तीन-चार वर्षों की मजदूरी का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है वैसे भी सभी काम मशीनों द्वारा करा लिया जाता है जो कार्य मशीनों द्वारा किया जाना संभव नहीं होता है हम गरीब मजदूरों से करा लिया जाता है लेकिन मजदूरी किसी और के खाते में डालकर आहरित कर ली जाती है मोहल्ले के आदिवासी परिवारों के द्वारा बताया गया कि आज से 2-3 वर्ष पूर्व टिकुरी टोला की रोड बनाई गई थी इस रोड के हो रहे मिट्टी करण में काम किए थे लेकिन मजदूरी आज तक नहीं मिल पाई है अब दो-तीन वर्ष बाद इस रोड में मुरमी करण किया जा रहा है जिसमें मशीनों से रात में मुरूम गिराया जा कर जेसीबी मशीन से फैलाए जाने की योजना बन रही है हम गरीब मजदूर काम के इंतजार में बैठे हैं ग्राम पंचायत में कार्य संचालित होते हुए भी काम नहीं मिल रहा है हम लोगों का पेट पालना मुश्किल हो गया है समाचार पत्र के माध्यम से शासन प्रशासन से गुहा लगाया जा रहा है की ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत बिल्डरों के माध्यम से बनाए गए शौचालय पात्र हितग्राहियों को दरकिनार कर कमीशन बेस पर बांटे गए प्रधानमंत्री आवास के साथ ठेकेदारी प्रथा से कराए गए गुणवत्ता विहीन जो भ्रष्टाचार के गाल में समा गए हैं की जांच करा कर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करते हुए ग्राम विकास की राशि की वसूली की जाए ।
दो वर्षों से सीमा लांघ रहा भ्रस्टाचार
यदि ग्राम पंचायतों में जारी भ्रष्टाचार पर नजर दौड़ाई जाए तो विगत 2 वर्षों से जब से विजय श्रीवास्तव द्वारा जनपद का कार्यभार संभाला गया था तब से भ्रष्टाचार तीव्र गति से जारी है इन्हीं के जमाने से पंचायतों में बरसाती कीड़ों की तरह पंचायती ठेकेदारों की भरमार है जो कोरोना कॉल में जमकर गरीब मजदूरों का शोषण करते हुए भ्रष्टाचार को अंजाम दे रखे हैं जिन पर लगाम लगाया जाना असंभव सा साबित हो रहा है कार्यवाही के नाम पर मात्र स्थानांतरण कर दिया जाता है जबकि स्थानांतरित सीईओ विजय श्रीवास्तव द्वारा वास्तविकता को झूठा ठहराते हुए पंचायत सचिव की बहाली का प्रतिवेदन उसी पंचायत में दे दिया गया था हाल ही में जिला पंचायत सीईओ आर के शुक्ला द्वारा कोरोना कॉल में प्रकाशित खबरों को संज्ञान में लेते हुए पत्र लेख कर प्रभारी सीईओ एसएन द्विवेदी से प्रतिवेदन मांगा गया था लेकिन उस पत्र को शायद कार्यालयों में है दबाकर रखा गया है जिसकी जानकारी किसी को ना होना प्रदर्शित हो रहा है।
*प्रभारियों ने हजम की ग्राम विकास की राशि
ग्रामीणों द्वारा चिंता जाहिर करते हुए बताया गया कि विगत दो-तीन वर्षों से लगातार जो भी सचिव आता है भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहा है निर्माण कार्यों को ठेकेदारों के हवाले कर कमीशन बटोर रहे हैं वह हितग्राही मूलक योजना भी कमीशन की भेंट चढ़ रही है इस पंचवर्षीय योजना में लगभग हर 6 महीने में सचिव परिवर्तन कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है यहां तक की ऐसे सचिव को पुनः ग्राम पंचायत का प्रभार सौंपा गया है जो इसी पंचायत में रहते हुए भ्रष्टाचार को अंजाम दिया था और शायद निलंबित भी हो गए थे जिन की बहाली के बाद कुछ दिनों तक तो अन्य पंचायतों में रखा गया किंतु अब पुनः उन्हें के हाथों में पंचायत की कमान दे दी गई है वहीं पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक कमीशन की राशि हितग्राही मूलक योजनाओं पर पलीता लगाया जा कर वित्तीय प्रभार प्राप्त कर भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दे रखे हैं जिसकी शिकायत थी कई बार की गई लेकिन किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हो रही है इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं वरिष्ठ अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त कर इस तरह के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है अब देखना होगा कि खबर प्रकाशन के बाद क्या शासन प्रशासन ग्राम पंचायत के निर्माण कार्य एवं हितग्राही मूलक योजनाओं की जांच कराकर भ्रष्टाचारियों पर क्या कुछ कार्यवाही कर पाता है।
इनका कहना है
1- रात में रोड में मुरूम माटी मशीनों एवं ट्रैक्टरों द्वारा गिराया गया है हम लोग काम के इंतजार करते रहते हैं काम मशीनों द्वारा करा लिया जाता है पंचायत में सभी कार्य मशीनों से ही कराए जाते हैं हम गरीबों को काम नहीं मिलता।
मीना सिंह गोड
टिकुरी टोला पांड।
2- हम लोग गरीब मजदूर हैं काम का इंतजार करते रहते हैं पंचायत के काम मशीनों से करा लिया जाता है काम नहीं मिलता यदि काम कर आते भी हैं तो मजदूरी नहीं मिलती।
राजकुमारी सिंह गोड, ग्रामीण
3-- हम लोग काम करने वाले ही हैं काम करते हैं आज से दो-तीन वर्ष पूर्व इसी रोड में मिट्टी करण में 15-20 लोग काम किए थे अभी तक मजदूरी नहीं मिली अब काम में भी नहीं लगा रहे हैं बोल रहे हैं ट्रैक्टर से करवाएंगे कई बार शिकायत की गई कोई कार्यवाही नहीं हुई।
प्रेमबती सिंह गोड, ग्रामीण
4-- मैं अभी-अभी जनपद पंचायत का प्रभार लिया हूँ इस संबंध में अभी मुझे जानकारी नहीं है आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है निश्चित ही जांच कराकर दोषियों के खिलाफ समुचित कार्यवाही की जाएगी।
एमएल प्रजापति
सीईओ जनपद पंचायत मझौली
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