सिक्किम के मुख्य न्यायाधीश ने रोपा पौधा, कहा- जीवन की जीवंतता के लिये वृक्षारोपण जरूरी
मुरैना।
सिक्किम राज्य के मुख्य न्यायधीश जितेन्द्र माहेश्वरी सपरिवार पितृवन पहुंचे। वहां उन्होंने सबसे पहले शमी पौधे का पूजन किया तथा उसे रोपण किया। इस मौके पर उन्होंने अपने प्रेरणादायी उदगार में कहा कि अगर हमें बीहड़ का सही उपयोग करना है तो अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे। यह पौधे इस पूरे क्षेत्र की शक्ल बदल सकते हैं। यहां बता दें, कि देवरी ईको सेन्टर के पास बीहड़ में जमीन बेकार पड़ी थी। यहां पर कल्प वृक्ष सेवा समिति द्वारा बेकार पड़ी इस जमीन को समतल किया गया। इसके बाद उसमें फलदार पौधे लगाए गए। यह पौधे आज पेड़ों का रुप ले चुके हैं। फल व फूलदार वृक्षों के अलावा यहां शीशम, सागौन के भी वृक्ष लगाए गए हैं। आज, यहां एक छोटा जंगल स्थापित हो गया है।
पितृ वन को देखने के लिए यहां दूर-दूर से लोग आते हैं। इसकी देख-रेख की पूरी जिम्मेदारी समिति के अध्यक्ष अतुल माहेश्वरी एवं सचिव संजय गोयल की है। इस मौके पर उपस्थित उपरोक्त दोनों ने बताया कि पितृवन में ऑक्सीजन ब्लॉक नामक जगह बनाई है। उन लोगों ने न्यायाधीश माहेश्वरी को बताया कि इस ब्लॉक में बरगद और पीपल के वृक्ष लगाए गए हैं। यह दोनों वृक्ष अत्यधिक मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं। इस नए प्रयोग से न्यायाधीश अत्यन्त प्रभावित हुए।
इस मौके पर पितृवन में मुरैना सहित जिले की तहसीलों के न्यायाधीश मौजूद रहे। इस मौके पर सभी ने कहा कि अगर बीहड़ की जमीन पर पौधे लगाकर इस प्रकार के वन स्थापित किए जाएं तो इस क्षेत्र की अलग ही पहचान बन सकती है।
मौके पर मौजूद अन्य न्यायधीश ने कहा कि जिले में ऑक्सीजन ब्लॉक बनाने की पहल की जा सकती है। इसके लिए पहले शासकीय अधिकारियों को आगे आना होगा। इसके बाद स्वायत्त सेवी संस्थाएं स्वयं ही आगे आएंगी।
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