कोरोना मुआवजा मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश है क्रांतिकारी:-सुधांशु द्विवेदी,अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार एवं विश्लेषक
देश में कोरोना संक्रमण से हुई लाखों लोगों की मौत के बीच जनहितैषी मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह मोर्चा संभाल रखा है। कोरोना के नाम पर देश में हो रहे घपलों- घोटालों, जोर- जुल्म, ज्यादती, लापरवाही तथा अमानवीयता के दौर में सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना पीडि़तों के लिये ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता तथा सप्लाई को लेकर पहले टास्कफोर्स का गठन किया तथा अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि कोरोना से जिन लोगों की मौत हुई है, केन्द्र सरकार को उनके परिजनों को मुआवजा तो देना ही पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट के इस तत्परतापूर्ण और स्वागतयोग्य रवैये से यह साबित हो गया है कि कोरोना के इस दौर में देश का राजनीतिक नेतृत्व संवेदनहीनता और कर्तव्यविमूढ़ता का शिकार हो गया है तथा पीएम केयर फंड सहित अन्य मदों में आये पैसे का वारान्यारा करने के उद्देश्य से उस धनराशि से कोरोना पीडि़तों के परिजनों को राहत पहुंचाने की मंशा नहीं है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के इस तत्परतापूर्ण रवैये से यह साबित होता है कि देश के न्यायाधीश न्याय के साथ नेतृत्व के मामले में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। कोरोना के नाम पर देशभर में हुई गफलतों पर सुप्रीम कोर्ट का रवैया पहले से ही सख्त है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोरोना के संदर्भ में केन्द्र सरकार को आइना दिखाने वाले आदेश आये दिन पारित किये जा रहे हैं, इससे देश की न्यायिक व्यवस्था के प्रति आम जनमानस का विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है। साथ ही कोरोना के नाम पर हुई गफलतों, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि के गोरखधंधे को लेकर देश में विभिन्न राज्यों में जो गिरफ्तारियां हुई हैं तथा कोरोना के कलंकियों को जेल भेजा गया है, यह सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये के कारण उपजे खौफ का ही सत्परिणाम है। कोरोना के कलंकियों को कानूनी स्तर पर इतनी सख्त सजा मिलनी चाहिये कि उनकी रूह कांप जाए तथा गिरफ्तारियों का यह सिलसिला लगातार चलता रहना चाहिये। इससे जहां एक ओर कोरोना के नाम पर लूटखसोट व गफलतें करने वालों की अक्ल ठिकाने आयेगी तथा देश के विभिन्न राज्यों के जिलों के डीएम से लेकर सीएम और एचएम से लेकर पीएम तक सुप्रीम कोर्ट के खौफ में कानून और नियम- कायदों के समक्ष नत मस्तक रहेंगे। क्यों कि सियासी छल और स्वार्थ ही देश की तरक्की बाधित होने और अवनति का सबसे बड़ा कारण है। देश के विभिन्न राज्यों में लोगों का जबरन वैक्सिनेशन करने और नकली वैक्सीन लगाए जाने की शिकायतें भी लगातार आ रही हैं। अभी कुछ दिन पूर्व ही महाराष्ट्र में नकली वैक्सीन लगाए जाने के मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार करके घसीटते हुए जेल भेजा गया है। कानून के झंडाबरदारों की इस तत्परता एवं संवेदनशीलता से देश में क्रांति मजबूत हो रही है तथा इस तरह की गिरफ्तारियां लगातार होने से कोरोना के कलंकियों को सख्त सजा मिलने तथा कोरोना पीडि़तों एवं उनके परिजनों को मिलने वाला इंसाफ सुप्रीम कोर्ट के प्रति जनमानस का विश्वास और अधिक बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।
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