छ: हजार समर्थन मूल्य की उड़द दो हजार में खरीदी जा रही - अजय सिंह
गेहूं की हर तौल में किसानों से कमीशन लिया गया
भेड़ बकरियों के खाने वाला चावल फिर से बंटना शुरू
फिर भी किसान पुत्र शिवराजसिंह मौन
-अजयसिंह
सीधी ।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में किसानों से छ: हजार रूपये समर्थन मूल्य की उड़द दो हजार रूपये में खरीद कर उन्हें खुले आम लूटा जा रहा है| गेहूं खरीदी की हर तौल पर किसानों से पैसे लिए गए| गरीबों को दिए जाने वाले राशन में पिछले साल की तरह फिर से भेड़ बकरियों के खाने लायक ख़राब चावल बंटना शुरू हो गया है| किसान पुत्र शिवराजसिंह चौहान ने लूट की खुली छूट दे रखी है|
अजयसिंह ने कहा कि जबलपुर की पाटन मंडी में खुली नीलामी में व्यापारी उड़द की बोली दो हजार रूपये लगा रहे हैं| जबकि समर्थन मूल्य छ: हजार रूपये पर निर्धारित किया गया है| किसानों से सस्ते में उड़द खरीद कर व्यापारी उसी माल को छ: हजार रूपये समर्थन मूल्य पर बेच रहे हैं| कई दिनों से मंडियों में उड़द का स्टाक रखा हुआ है| व्यापारियों की मनमानी का आलम यह है कि वे सस्ती बोली लगाकर पांच बजे ही बोली बंद कर देते हैं| किसान सस्ते दामों पर अपनी उपज बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं| यहाँ पर कुछ माह पहले मका की खरीदी में भी इस तरह के घपले का मामला मैंने उठाया था|
सिंह ने आरोप लगाया कि गेहूं खरीदी में सिलाई तुलाई के नाम पर हर क्विंटल पर 25 से 50 रूपये वसूले गए| अपनी उपज के लिए किसानों को कमीशन देना पड़ रहा है, नहीं तो उनकी फसल रिजेक्ट कर दी जाती है| जबलपुर के पनागर थाने में इसकी एफआईआर भी दर्ज हुई है| जांच में 27 लाख रूपये से ज्यादा की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है| पूरे प्रदेश में इस तरह के घपले से इन्कार नहीं किया जा सकता| इसलिए मुख्यमंत्री इसकी जांच के आदेश दें ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके औए दोषी पकड़े जायें|
अजयसिंह ने यह भी कहा कि जिस चावल को बियांड रिजेक्शन लिमिट (बीआरएल) किया गया वही चावल चोरी चुपके वेयर हाउस से निकाल कर राशन की दुकानों के माध्यम से गरीबों को बांटा जा रहा है| पिछले वर्ष भी इसी तरह की शिकायत मैंने की थी जिसमें करोड़ो का घोटाला सामने आया था| फिर से वही प्रक्रिया दोहरायी जा रही है| खुद खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह के गृह जिले अनूपपुर में धांधली हुई है| यहाँ के गोदाम नम्बर 14 से 12 सौ क्विंटल अमानक चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बाँट दिया गया| यहाँ आठ हजार छ: सौ बोरी चावल अमानक स्तर का मिला था| यह करीब पांच हजार क्विंटल होता है| इसमें से तीन हजार से अधिक बोरियां गायब हैं| क्वालिटी कंट्रोलर ने यह चावल मनुष्य के खाने लायक नहीं बताया था| जब खाद्य मंत्री के यहाँ यह सब हो रहा है तो पूरे प्रदेश में गरीबों को कैसा अन्न खिलाया जा रहा है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है|
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