अंर्तराष्ट्रीय 13 तस्करों को मिली 7-7 वर्ष की सजा
भोपाल।
विलुप्तप्रायः प्रतिबंधित वन्यप्राणियो की रास्ट्रीय स्तर पर बहुचर्चित अंर्तराष्ट्रीय/अंतराज्यीय तस्करी के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सागर श्री विवेक पाठक द्वारा आज दिनांक 19.07.21 को दिए ऐतिहासिक फैसले में गिरोह के मुख्य सरगना चेन्नई निवासी मनीवन्नन मुरुगेशन सहित अन्य सभी 12 कुख्यात तस्करो को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओ के अंतर्गत 7-7 वर्ष का कठोर करावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । उक्ताशय की जानकारी देते हुए संभागीय जनसंपर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि घटना के बारे में श्रीमति सुधाविजय सिंह भदौरिया, प्रभारी अभियोजक ने बताया कि वर्षं 2017 में स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स मप्र भोपाल द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर चंबल नदी में पाये जाने वाले अत्यंत दुर्लभ प्रजाति के वन्यप्राणी लालतिलकधारी कछुओं एवं पेंगोलिन शल्क की तस्करी विदेशों में बड़े पैमाने में किये जाने वाले अंर्तराष्ट्रीय/अंतराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया गया था | दिनांक 05.05.17 को स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल एवं क्षेत्रीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स सागर द्वारा मृत आरोपी नन्दलाल के घर ग्राम मोगियापुरा जिला श्योपुर, रेंज सबलगढ़ से दुर्लभ प्रजाति के वन्यप्राणी पेंगोलिन की शल्क जप्त कर एवं आरोपी नन्दलाल को हिरासत में लेकर पूंछतांछ की गयी जिसमे प्रतिबंधित वन्यप्राणी कछुओं एवं पेंगोलिन के अवैध शिकार, परिवहन और तस्करी का एक संगठित गिरोह के रूप में पिछले 7-8 वर्षो से लगातार किये जाने के तथ्य का खुलाशा हुआ और दिनांक 05.05.17 को क्षेत्रीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स सागर ईकाई द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत वन अपराध पंजीबद्ध कर जाँच में लिया गया | जाँच के दौरान स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स द्वारा एक के बाद एक वन्यप्राणी तस्करी से जुड़े 04 राज्यो से 14 आरोपियो को गिरफ्तार किया गया, इन आरोपियो द्वारा प्रतिबंधित विलुप्तप्रायः वन्यप्राणी एवं उनके अवयवो की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन, थाईलैंड, मलेशिया, हांगकांग, बांग्लादेश, श्रीलंका, मेडागास्कर आदि देशो में संगठित गिरोह के रूप में व्यापक स्तर पर अवैध व्यापार किया जा रहा था। गिरोह के सदस्यो द्वारा मध्यप्रदेश की चंबल नदी से दुर्लभ विलुप्तप्रायः वन्यप्राणी लाल तिलकधारी कछुओ (रेडक्राउन रूफ टर्टल) का अवैध शिकार कर अवैध तरीके से परिवहन कर विदेशो में ऊचे दामो पर बेचे जा रहे थे। जाँच उपरांत प्रकरण में 08 परिवाद लगभग 2500 प्रष्ठो के दिनांक 1.7.17 से 15.3.19 के बीच क्षेत्रीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स सागर की तत्कालीन जाँच अधिकारी सुश्री श्रद्धा पंद्रे द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किये गए |
दिसंबर 2019 में माननीय उच्चतम न्यालायल द्वारा प्रकरण के शीघ्र निराकरण के निर्देश विचारण न्यायालय सागर को दिये गये थे | प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए वन्यप्राणी मुख्यालय मप्र भोपाल के अनुरोध पर संचालनालय लोक अभियोजन मप्र भोपाल द्वारा श्रीमती सुधाविजयसिंह एडीपीओ, भोपाल को उनके वन्यजीव संरक्षण में कार्यदक्षता के आधार पर विशेष रूप प्रकरण में पैरवी हेतु अधिकृत किया गया था | उच्चतम न्यायालय से प्राप्त निर्देशों के पालन में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सागर के न्यायालय में भौतिक उपस्थिति में प्रकरण की दिन- प्रतिदिन चली सुनवाई में दिनांक 16.1.20 को 13 आरोपियों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 39,44,48,48ए,49,49बी,52,51,51-1-ए के अंतर्गत आरोप विचरित किये गए |
अभियोजन अधिकारी श्रीमती भदौरिया द्वारा बताया कि प्रकरण में 27 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराते हुए 23 .01.21 को अभियोजन साक्ष्य समाप्त की गयी और 14 दिन तक न्यायालय के समक्ष अंतिम बहस उपरांत आरोपियों के विरुद्ध घटना दिनांक 05.05.17 से विगत 7-8 वर्षो से किये जा रहे लगभग 01 लाख दुर्लभ प्रतिबंधित वन्यप्राणियों की अंर्तराष्ट्रीय/अंतराज्यीय तस्करी एवं लगभग 04 करोड़ से अधिक की राशि का लेन-देन संदेह से परे प्रमाणित किया गया |
अभियोजन द्वारा प्रस्तुत गवाहों, सबूतों एवं तर्कों से सहमत होते हुये, अपराध की गम्भीरता और इस तरह के अपराधो का पर्यावरण और समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुये मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय सागर द्वारा आज दिनांक 19.07.21 को दिए अपने अहम् फैसले में मुख्य आरोपी मनीवन्नन बल्द मुरूगेशन उम्र 31 वर्ष निवासी चेन्नई को 7 वर्ष का कठोर करावास एवं रु 5 लाख के ऐतिहासिक अर्थदण्ड से दण्डित किया गया |
थमीम अंसारी बल्द साथर अंसारी उम्र 29 वर्ष निवासी चेन्नई, मोहम्मद इरफान बल्द मोहम्मद जेनुल उम्र 27 वर्ष निवासी कोलकाता , तपस बसाक बल्द तपन बसाक उम्र 30 वर्ष निवासी कोलकाता, अजय सिंह बल्द कृपाल सिंह उम्र 40 वर्ष निवासी एत्मोदोला आगरा, रामसिंह बल्द कुंवर पालसिंह उम्र 24 वर्ष निवासी मैनपुरी ,मोहम्मद इकरार बल्द गुलमोहम्मद उम्र 27 वर्ष नि. भौगाव मैनपुरी एवं सुशीलदास उर्फ खोका बल्द पुरती राम उम्र 58 वर्ष निवासी वनगांव कोलकाता को 7-7 वर्ष का कठोर करावास एवं रु 50000- 50000 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया |
आजाद बल्द हरिराम उम्र 40 वर्ष निवासी कैलारस मुरैना , विजय बल्द शषिकांत गौंड उम्र 30 वर्ष निवासी ग्वालियर ,कैलाशी उर्फ चच्चा बल्द छबिराम उम्र 55 वर्ष निवासी नूराबाद मुरैना , संपतिया बल्द भन्तु बाथम उम्र 42 वर्ष निवासी श्योपुर एवं कमल बाथम बल्द देवीचरण बाथम उम्र 36 वर्ष निवासी वीरपुर श्योपुर को को 7-7 वर्ष का कठोर करावास एवं रु 20000- 20000 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया | जमानत पर सभी आरोपियों की जमानत निरस्त कर सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया एवं अर्थदंड न अदा करने पर 1.5 -1.5 वर्ष अक अरिरिक्त कारावास भोगा जावेगा | श्री दिनेश चंदेल एडीपीओ सागर एवं श्री ब्रजेश दीक्षित एडीपीओ सागर द्वारा अभियोजन सञ्चालन में सतत् सहयोग प्रदान किया गया |
आरोपी नंदलाल बल्द प्रेमसीग मोगिया की विवेचना के दौरान मृत्यु हो गयी थी | इस प्रकरण में वर्तमान में कुल 11 विदेशी व 10 भारतीय आरोपी फरार है। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास इंटरपोल के माध्यम से लगातार किये जा रहे है| गिरोह का मुख्य सरगना मनीवन्नन मुरुगेशन जिसे थाईलैण्ड पुलिस को प्रत्यर्पण पर सौपे जाने कार्यवाही की प्रचलन में है। प्रकरण में पेंगोलिन शल्क ,जीवित प्रतिबंधित वन्यप्राणी लालतिलकधारी कछुए, विदेशी मुद्रा , अपराध में प्रयुक्त एपल मोबाइल सहित अन्य कीमती मोबाइल जप्त किये गए एवं अपराध में प्रयुक्त वाहन मर्सडीज बेंज कार कीमत लगभग 50 लाख को भी जप्त कर राजसात किया जा चुका है।
गौरतलब है कि प्रकरण में मुख्य आरोपी चेन्नई निवासी मनीवन्नन सहित 07 आरोपी लगभग 03 वर्षो से अधिक समय से जेल में निरुद्ध है | गिरोह के मुख्य सरगना सहित अन्य निरुद्ध आरोपियों की जमानत याचिका कोविड-19 की परिस्थितियो में भी अभियोजन की सशक्त पैरवी होने से मान. सुप्रीमकोर्ट/हाईकोर्ट/सत्र न्यायालय से कई बार निरस्त की गयी थी।
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