सीधी: नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास

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सीधी: नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास



सीधी: नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास 



सीधी।
जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी / सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि थाना सीधी कोतवाली के अपराध क्रमांक 418/16 म.प्र. शासन विरूद्ध राजू रावत उर्फ राजीव के प्रकरण में माननीय तृतीय अपर सत्र न्‍यायालय सीधी द्वारा विचारण उपरांत दिनांक 22.07.2021 को, नाबालिग पीडि़ता के साथ छेड़छाड़ करने के संबंध में अभियुक्‍त को कुल 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1300/- रू.जुर्माने की राशि से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया।

प्रकरण के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि पीडिता द्वारा थाना सीधी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि अभियुक्‍त राजू रावत उर्फ राजीव पिता बाबूलाल रावत निवासी उत्‍तर करौंदिया सीधी द्वारा पीडिता के साथ जबरदस्‍ती छेड़छाड़ किया गया। पीडि़ता ने बताया कि दिनांक 23.05.16 को करीब सुबह 10:00 बजे किराने की दुकान पर सामन लेने जा रही थी, रास्‍ते में घर के पास ही ग्राम मधुरी कोठार का राजू रावत मेरे पीछे आया और ताली बजा कर इशारा किया और बुरी नियत से पीछे से दोनो हाथों से पकड़ लिया। मेरे सीने को दबाया तब में हल्‍ला गुहार करने लगी, घटना को उर्मिला सिंह द्वारा देखने पर राजू रावत मुझे छोड़कर भाग गया। इसके बाद पीडि़ता घर आई और सारी घटना के बारे में अपने माता-पिता को बताई। इसके उपरांत पीडि़ता की शिकायत पर पुलिस द्वारा धारा अंतर्गत 7/8 पॉक्‍सो एक्‍ट एवं भा.द.वि. की धारा 354, 354 (क) (1) पंजीबद्ध कर विवेचना पश्‍चात् अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय सीधी के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया, जिसके न्‍यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 90/16 में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा द्वारा विचारण के दौरान शसक्‍त पैरवी करते हुए समस्‍त साक्षीगण के साक्ष्‍य कराये गये। अभियोजन साक्षीगण की उपस्थिति सुनिश्चित कराये जाने में कोर्ट मोहर्रिर आर. श्री शिरीष मिश्रा द्वारा सहयोग प्रदान किया गया। विचारण पश्‍चात् अभियुक्‍त को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया, जिसके आधार पर अभियुक्‍त को माननीय न्‍यायालय द्वारा धारा 354 के अंतर्गत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रू.जुर्माना एवं 354 (क) (1) के अंतर्गत 02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 300/- रू जुर्माना तथा पॉक्‍सो एक्‍ट की धारा 7/8 के अंतर्गत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रू. जुर्माने से दण्डित किया गया।

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