मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नए OSD की 24 घँटे में हुई विदाई, बजह जान हो जाएंगे हैरान
भोपाल।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कल के एक फैसले ने सबको चौंका दिया था. सीएम शिवराज ने तुषार पांचाल को अपना ओएसडी बनाकर कम्युनिकेशन विषय पज्ञ की जिम्मेदारी सौंपी थी. आईआईएम अहमदाबाद के स्नातक मुंबई निवासी तुषार वॉर रूम के नाम से चुनावी सलाह देने वाली कंपनी चलाते हैं.
तुषार 2018 के चुनावों से पहले से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जुड़े हुए थे. उनकी कंपनी ने चुनावों में बीजेपी के साथ चुनावी अभियान चलाए. साथ ही बीजेपी की सरकार और मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया से जुड़े काम भी उनकी कंपनी देखती रही है. ऐसे में उनको अचानक अपना ओएसडी बनाने का फैसला जानकारों के गले नहीं उतरा. हालांकि तुषार के नए पद का नियुक्ति पत्र सामने आते ही उनके खिलाफ एक कैंपेन शुरू हो गया.
नियुक्ति का हुआ विरोध:-
उनकी नियुक्ति के बाद कांग्रेस ने उनके ट्विटर पर पोस्ट निकाले और ट्विटर पर ट्रोल करना शुरू कर दिया. कभी तुषार पांचाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हैं, कभी गोमूत्र को लेकर सवाल करते हैं, तो कभी-कभी ऐसी बातें बताते हैं, जो बंगाल से जुड़ी हुई रही हैं. इसको लेकर वह सवालों के घेरे में आ जाते हैं, जैसे ही यह ट्वीट्स कांग्रेस सोशल मीडिया पर वायरल करती है. यह बात बीजेपी और आरएसएस के अंदर खाने बैठे नेताओं तक पहुंच जाते हैं. उसके बाद ट्विटर पर जो वॉर चल रहा था और जो कांग्रेसी तुषार पांचाल ट्रोल कर रही थी. ऐसे में लग गया था कि शिवराज सिंह को ये नियुक्ति भारी पड़ गई है. उसका नतीजा ये यह रहा कि तुषार पांचाल ने 24 घंटे बाद ही उस पद को ग्रहण करने में असहमति जता दी.
BJP प्रवक्ता ने भी इसका विरोध किया
तुषार का नाम आते ही BJP प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा ने तुषार के कुछ पुराने ट्वीट के स्क्रीनशॉट्स शेयर किए. बग्गा ने शिवराज सिंह चौहान को मेंशन करते हुए लिखा कि क्या आपको ऐसे लोगों की ज़रूरत है? वहीं सोशल मीडिया की जनता ने तुषार को एंटी-मोदी, एंटी-हिंदू तक बता डाला।
दरअसल तुषार पांचाल सीएम शिवराज के साथ 2015 से जुड़े हुए हैं. 2018 के चुनाव में तुषार के पास अहम जिम्मेदारी थी. 2018 के चुनाव के बाद सत्ता से बीजेपी की बेदखली पर भी वो शिवराज सिंह चौहान का सोशल मीडिया संभाल रहे थे और इस दौरान उन्होंने कमलनाथ के खिलाफ अभियान भी जमकर चलाया. शिवराज चौथी बार सत्ता में लौटे तब भी तुषार पांचाल उनके साथ थे. हालांकि अपनी नियुक्ति के बाद से ही सुर्खियों में आए तुषार ने आज खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी कि वह मुख्यमंत्री के ओएसडी का पद नहीं लेंगे. तुषार का यह ट्वीट उनकी नियुक्ति को लेकर मचे सियासी बवाल को थामने की कोशिश है.
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