MP News: 6 साल की नन्ही बच्ची को लगेगा 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन तब बचेगी जिंदगी
भोपाल.
एक मासूम बच्ची को दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए करोड़ों की मदद चाहिए. पूरा परिवार सोशल मीडिया और लगातार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर मदद मांग रहा है. अभी तक परिवार के सदस्यों को 40 लाख की मदद मिल चुकी है. लेकिन यह मदद बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए काफी कम है।
दरअसल, मध्यप्रदेश(Madhyapradesh) की राजधानी भोपाल की छह साल की आर्या पाठक (Arya Pathak) अब अपनी जिंदगी से संघर्ष कर रही है. आर्या को दुर्लभ बीमारियों में से एक स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी टाइप-1 (Spinal Muscular Atrophy Type 1) है. इसका इलाज अमेरिका से आने वाले जोल्गेन्स्मा इंजेक्शन (Jolgensma Injection) से ही हो सकता है.
इसकी कीमत 16 करोड़ रु. है, जिस पर छह करोड़ रु. टैक्स अलग से लगता है. आर्या अभी छह साल की है और उसके पिता राहुल आबुधाबी में आईटी कंपनी में काम करते हैं. राहुल जबलपुर के निवासी हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, आर्या जब एक साल की थी, तब वो आम बच्चों की तरह खड़ी होने की कोशिश करती थी, लेकिन मुंह के बल गिर जाती थी. पिता राहुल इतना पैसा कमा पाते हैं कि वह अपनी बेटी के इलाज लिए इतनी बड़ी राशि जुटा सकें. अपनी बेटी की जिंदगी को बचाने के लिए अब उनका पूरा परिवार संघर्ष कर रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हो या फिर व्यक्तिगत रूप से जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से मुलाकात हर स्तर पर मदद के लिए गुहार लगाई जा रही है. अभी तक करीब 40 लाखों रुपए इलाज के लिए इकट्ठा हो चुके हैं.
परिजन मदद की लगा रहे गुहार:-
आर्या के चाचा कोलार निवासी ऋषि पाठक ने बताया कि पिता सोशल मीडिया के जरिए क्राउड फंडिंग की कोशिश कर रहे हैं तो मां आस्था पाठक और चाचा भोपाल में सीएम, कलेक्टर से मदद मांग रहे हैं. उन्होंने आर्या की मेडिकल रिपोर्ट्स सभी को दी है. उन्होंने बताया कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज, दिल्ली के गंगाराम में जांच के बाद आर्या में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक बीमारी मिली. कुछ साल तक उसका इलाज चला, लेकिन अब जान बचाने के लिए जोल्गेन्स्मा इंजेक्शन जरूरत है.
यह दुर्लभ बीमारी 10 लाख लोगों में से किसी एक को होती है. इसका इलाज जीन थैरेपी से होता है. इसे अब तक का सबसे महंगा वन-टाइम ट्रीटमेंट माना जा सकता है.
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