MP News: आखिरकार 5 दशक बाद भानपुर खंती कचरे से मुक्त - नई पहचान होगी,अब होगा खूबसूरत पिकनिक स्पॉट
भोपाल।
पिछले 50 वर्षों या कहें कि लगभग 5 दशक बाद भोपाल की भानपुर खंती, कचरा के पहाड की अपनी बदबूदार छवि से मुक्त होने ही वाली है। अब यह स्थल पिकनिक स्पॉट तो होगा ही कचरे के निपटान के तरीकों में बेहतर उदाहरण में भी शुमार होगा। जिला प्रशासन के साथ कई बड़े समुदाय, समाज और संगठन के अथक प्रयासों से अब यह स्वप्न सवंरने लगा है। भोपाल की तकरीबन 25 फीसदी आबादी को इस भानपुर खंती के कचरा घर से निजा़त जो मिली है।
पिछले 48 वर्षों से भानपुर खंती पर कचरे का पहाड़ बढ़ते जा रहा था। इस जगह से गुजरने वाले सैकड़ों वाहन सवार अक्सर अपनी गाड़ियों के शीशे बंद कर लेते थे, तथा इसके आस-पास रहने वाले लोग जिस प्रकार नारकीय जीवन जी रहे थे, इसका महज बस अंदाजा ही लगाया जा सकता था, लेकिन सफलता वर्ष 2018 में हाथ लगी जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बोर्ड (NGT) के आदेश के बाद जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ नगर-निगम के वृहद अमले के साथ इस कचरे के ढ़ेर को हटाने की जद्दोजेहाद में लगा।
भानपुर खंती में वर्ष 1970 से भोपाल शहर का कचरा जमा हो रहा था । जो लगभग 36 एकड़ भूमि पर कचरे का पहाड़ ही पहाड़ दिखता था, लेकिन नगर निगम और जिला प्रशासन के सहयोग से इस खंती को अब भोपाल की पहचान पिकनिक स्पॉट में तब्दील किया जा रहा है, वो दिन अब दूर नहीं जब यह स्थान भी भोपाल शहर की नामचीन पहचान बनेगी। इस खंती की लगभग 21.03 एकड़ भूमि को पूरे कचरे के ढेर से मुक्त कराया गया है। नगर निगम द्वारा इस खंती के कचरा निष्पादन के लिये सौराष्ट्र एवं एनवायरो प्रोजेक्ट प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी को काम सौंपा गया था। विगत 08 जून 2021 को करीब 3 वर्ष बाद कंपनी ने भानुपर खंती से कचरे के पहाड़ को पूरी तरह से हटा दिया है और यहां नगर निगम द्वारा सौंदर्यीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया है, जल्द ही इसे नया रूप देकर शहर को एक नई पहचान मिलेगी। भोपाल नगर निगम द्वारा फिलहाल सौंदंर्यीकरण के लिये कचरे के अवशेष से बनाये गये 27 मीटर ऊँचें पहाड़ पर मिट्टी डालकर घांस लगाई जा रही है और पार्क का निर्माण भी कराया जा रहा है।
व्यवसायिक और आवासीय परियोजना में होगा शामिल
नगर निगम द्वारा 16 एकड़ भूमि पर बनाये जा रहे 27 मीटर ऊँचाई के पहाड़ को एक पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है, इसके अतिरिक्त शेष भूमि को लेंड यूजर परिवर्तन के लिये टी एंड सीपी के पास भेजा गया है । इसके निर्माण से एक ओर शहर को नईं ऊँचाई मिलेगी और वर्तमान परिदृश्य में शहर को नई ऊर्जा भी मिलेगी।
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