MP Board Exam: माध्यमिक शिक्षा मंडल 12 वीं की परीक्षा रद्द, जानिए क्या बना नियम

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MP Board Exam: माध्यमिक शिक्षा मंडल 12 वीं की परीक्षा रद्द, जानिए क्या बना नियम



MP Board Exam: माध्यमिक शिक्षा मंडल 12 वीं की परीक्षा रद्द, जानिए क्या बना नियम


भोपाल।
सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड 12वीं की परीक्षा रद्द होने के बाद अब मध्य प्रदेश बोर्ड ने भी 12वीं की परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके निर्देश दिए हैं. राज्य के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने 12वीं बोर्ड परीक्षा से संबंध में अंतिम फैसला लेने के लिए बुधवार को बैठक बुलाई थी. इस मीटिंग में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते एमपी बोर्ड 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया गया है.

मध्य प्रदेश में 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं (MP Board 12th Exam) एक मई से आयोजित की जानी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए स्थगित कर दिया गया था.

मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने कहा है कि प्रदेश में इस वर्ष बारहवीं बोर्ड की परीक्षा नहीं होगी। बच्चों की जिंदगी हमारे लिए अनमोल है। केरियर की चिंता हम बाद में कर लेंगे। इस समय जब सम्पूर्ण देश, प्रदेश तथा बच्चे कोरोना का संकट झेल रहे हैं, ऐसे में परीक्षाओं का मानसिक बोझ डालना उचित नहीं है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रालय से मीडिया को दिये संदेश में यह बात कही। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 12वीं बोर्ड के परिणाम किस प्रकार आएंगे, यह तय करने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया गया है। जो विशेषज्ञों से चर्चा करने के उपरांत आंतरिक  मूल्यांकन या अन्य आधारों पर रिजल्ट की प्रक्रिया तय करेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेहतर परिणाम के लिए या परिणाम में सुधार के लिए जो विद्यार्थी परीक्षा देना चाहेंगे उनके लिए विकल्प खुला रहेगा। कोरोना संकट की समाप्ति के बाद इच्छुक विद्यार्थी 12वीं की परीक्षा दे सकेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 10वीं बोर्ड की परीक्षाएँ नहीं करवाने का फैसला पहले ही लिया जा चुका है। दसवीं के बच्चों का परिणाम आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किया जायेगा।


10वीं का रिजल्ट इंटरनल असेसमेंट से

मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की शैक्षणिक सत्र 2020-21 की 10वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द कर चुका है. कक्षा 10वीं के नियमित छात्रों के रिजल्ट की गणना अर्धवार्षिकी परीक्षा या प्री-बोर्ड परीक्षा, यूनिट टेस्ट और आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के आधार पर तैयार की जाएगी. स्वाध्यायी छात्रों के लिए आंतरिक मूल्यांकन का प्रावधान नहीं होने से, समस्त छात्रों को न्यूनतम अंक (33) अंकित करते हुए अंकसूचियां जारी की जाएगी.

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