ऑनलाइन कविता पाठ का हुआ आयोजन

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ऑनलाइन कविता पाठ का हुआ आयोजन



ऑनलाइन कविता पाठ का हुआ आयोजन 

भोपाल । 
अखिल भारतीय साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था द्वारा अपनी शाखाएं भारत के सभी प्रांतों में खोलने और अन्य कई आवश्यक बिंदुओं पर विचार-विमर्श के लिए कार्यकारिणी के पदाधिकारी और सदस्यों की बैठक का आयोजन मंगलवार को गूगल मीट के माध्यम से हुआ। बैठक में अशोक निर्मल, जवाहर सिंह, सुभद्रा तिवारी और अन्य पदाधिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। बैठक के बाद ऑनलाइन काव्‍य गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें पावस और अन्य विषयों पर सरस रचनाएं प्रस्तुत की गईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था अध्यक्ष डॉ. गौरीशंकर शर्मा 'गौरीश' ने की।
लघुकथा शोध केंद्र की निदेशक कांता रॉय द्वारा सरस्वती वंदना के उपरांत ग्वालियर के महेंद्र भट्ट ने आशावाद का संचार करते हुए पढ़ा- जिंदगी दर्द में जीने से कुछ नहीं मिलता, गम को सीने से लगाने से कुछ नहीं मिलता...। वहीं डॉ. गौरीश ने अपने तीखे व्यंग्य-बाण इन शब्दों में छोड़े- यह भारत नहीं, महाभारत है, यहां राजनैतिक धर्मयुद्ध लड़ा जाता है...। आशा सिन्हा कपूर ने समय की महत्ता बताते हुए पढ़ा- समय बड़ा बलवान है, अद्भुत खेल खिलाता है...। गोकुल सोनी ने बादलों से जलवृष्टि का निवेदन इन शब्दों में किया- पिए पसीना सोना उगले, धरती मां गुड़-धानी दे, अखिल विश्व के पालनहारे कारे मेघा पानी दे...। अशोक कुमार धमैनियां ने भगवान राम की नयनाभिराम छवि प्रस्तुत करते हुए- कमलनयन का कमल से, कमल करे शुभ काज, कमलासन कैलाशपति, रमे अयोध्या आज... और हरिवल्लभ शर्मा 'हरि' ने भरते हैं गरीबों की मेहनत से खजाने वो, गुरबत में अमीरी का इकराम नहीं होता... के माध्यम से गरीबों की व्यथा व्यक्त की। इस मौके पर पुरुषोत्तम तिवारी, अशोक गौतम, साधना श्रीवास्तव, घनश्याम मैथिल 'अमृत', संत कुमार मालवीय, डॉ कर्नल गिरजेश सक्सेना तथा सीमा हरि शर्मा ने भी अपनी रचनाएं सुनाईं।

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