प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम किया सम्बोधन, वैक्सीनेशन को लेकर कही बड़ी बात, सुनिए लाइव वीडियो

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम किया सम्बोधन, वैक्सीनेशन को लेकर कही बड़ी बात, सुनिए लाइव वीडियो



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम किया  सम्बोधन, वैक्सीनेशन को लेकर   कही बड़ी बात, सुनिए लाइव वीडियो



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित (PM Narendra Modi address to nation) कर रहे हैं. देश में कोरोना के मामले तेजी से कम हो रहे हैं, जिससे राज्यों ने आंशिक कर्फ्यू में छूट देना शुरू किया है. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन अहम है.

राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर और दूसरी लहर से भारतवासियों की लड़ाई जारी है. भारत इस महामारी के दौरान बहुत दुःख से गुजरा है. भारत ने बहुत से अपने परिजनों को खोया है. ऐसे परिवारों के साथ मेरी पूरी संवेदना है. बीती 1 वर्षों में यह सबसे बड़ी महामारी है. कोरोना से लड़ने के लिए देश में एक नया हेल्थ स्ट्र्क्चर बनाया गया है.


जब नीयत साफ हो, नीति स्पष्ट होती है तो नतीजे मिलते हैं। भारत एक साल के भीतर ही दो मेड इन इंडिया वैक्सीन लॉन्च कर दिया। वैज्ञानिकों ने दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों के पीछे नहीं है। अब तक 23 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। हमारे प्रयासों से हमें सफलता तब मिलती है जब हमें खुद पर भरोसा होता है। हमें पूरा विश्वास था कि हामारे वैज्ञानिक सफल होंगे। रिसर्च वर्क के दौरान ही दूसरी तैयारियां शुरू कर दी गईं। पिछले साल जब कोरोना के कुछ ही हजार केस थे तभी वैक्सीन टास्क फोर्स का गठन कर दिया था।

सरकार ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को हर तरीके से सपोर्ट किया। क्लीनिकल ट्रायल और रिचर्स के लिए फंड दिया गया। आत्मनिर्भर भारत के तहत हजारों करोड़ों रुपए उपलब्ध कराए गए। आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई और भी ज्यादा बढ़ने वाली है।



 आज देश में सात कंपनी विभिन्न वैक्सीन का प्रोडक्शन कर रही हैं। दूसरे देशों से भी वैक्सीन खरीदने की प्रक्रिया तेज किया गया है। बच्चों को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। इस दिशा में भी वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। नेजल वैक्सीन पर भी रिसर्च जारी है। देश को अगर निकट भविष्य में सफलता मिलती है तो भारत के टीकाकरण अभियान में और तेजी आएगी। इतने कम समय में वैक्सीन बनाना पूरी मानवता के लिए बड़ी उपलब्धी है।

वैक्सीन बनने के बाद दुनिया के कम ही देशों में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ। WHO ने टीकाकरण को लेकर गाइडलाइन्स दी। भारत ने भी मानक के आधार पर चरणबद्ध तरीके से वैक्सीनेशन करना तय किया। मुख्यमंत्रियों से मिले सुझाव के बाद ही तय हुआ कि जिन्हें कोरोना से ज्यादा खतरा है उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।

 अगर कोरोना की दूसरी लहर से पहले हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन नहीं दी गई होती तो क्या होता। ज्यादा से ज्यादा हेल्थ वर्कर्स टीकाकरण के कारण ही देशवासियों का जीवन बचा पाए।

 देश में कम होते कोरोना के मामलों के बीच केंद्र सरकार के पास कई तरह की मांगे आने लगीे। पूछा जाने लगा कि राज्य सरकारों को क्यों नहीं छूट दी जा रही है। दलील यह दी गई संविधान में हेल्थ राज्य का विषय है। इसलिए अच्छा है कि राज्य ही तय करे। भारत सरकार ने गाइडलाइन्स बनाकर राज्यों को दी। स्थानीय स्तर पर कोरोना कर्फ्यू लगाना हो। कंटेनमेंट जोन बनाना हो। भारत सरकार ने राज्यों के इसके लिए नियम बनाकर दिए।


16 जनवरी से अप्रैल तक भारत सरकार के द्वारा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा था। कई राज्य सरकारों ने टीकाकरण का काम राज्यों पर छोड़ने के लिए कहा। किसी ने कहा उम्र की सीमा केंद्र ही क्यों तय करे। आवाज उठी कि बुजुर्गों को पहले टीका क्यों दिए जा रहे हैं। काफी चिंता करने के बाद इस बात पर सहमति बनी कि राज्य सरकारों की मांग को देखते हुए 16 जनवरी से चली आ रही व्यवस्था में बदलाव किया गया।

 25 प्रतिशत का काम राज्यों को दे दिया जाए। 1 मई से राज्यों को 25 प्रतिशत काम दे दिया गया। इसे पूरा करने के लिए सभी ने प्रयास किए। पूरी दुनिया में वैक्सीन की क्या स्थिति है इससे राज्य परिचित हुए। राज्य सरकारें कहने लगीं की पहली व्यवस्था ही अच्छी थी। राज्यों के मन बदलने लगे। राज्यों की इस मांग पर हमने सोचा कि देशवासियों को तकलीफ ना हो। इसके लिए एक मई के पहले वाली व्यवस्था को फिर से लागू किया जाए।

 आज यह निर्णय लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ी 25 प्रतिशत जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार उठाएगी। अगले दो सप्ताह में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर गाइडलाइन्स तय कर लेगी। 21 जून से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन देगी। देश के किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं होगा। अब 18 साल से अधिक उम्र के लोग भी इसमें जुड़ जाएंगे।

आज सरकार ने फैसला लिया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अब दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा। महामारी के इस समय में, सरकार गरीब की हर जरूरत के साथ, उसका साथी बनकर खड़ी है। यानी नवंबर तक 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को, हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा।

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