जानलेवा हमले के आरोपी आर्मीमैन की तत्काल हो गिरफ्तारी, पीडि़त को जान से मारने की दे रहा धमकी
भोपाल, शहडोल।
मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के ब्योहारी थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम साखी में 3 जुलाई 2020 को बृजेश द्विवेदी एंड ब्रदर्स पर हुए जानलेवा हमले के मुख्य आरोपी अभिषेक (गोलू) को ब्योहारी पुलिस द्वारा अब तक गिरफ्तार न कर पाने सेे ब्योहारी पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा हो गया है। आर्मीमैन अभिषेक के परिवार के लोग, जिन्होंने बृजेश द्विवेदी एंड ब्रदर्स पर जानलेवा हमला किया था, धारा 307 के यह आरोपी कोर्ट के सख्त रुख के कारण जेल की हवा खा चुके हैं तथा जमानत पर रिहा हुए हैं। जमानत पर रिहा हुए उक्त असामाजिक तत्वों द्वारा बृजेश द्विवेदी को जहां धमकाया जा रहा है वहीं मामले का मुख्य आरोपी अभिषेक (गोलू) भी बृजेश द्विवेदी को जान से मारने की धमकी देने के साथ- साथ बृजेश पर बयान बदलने का दबाव बना रहा है। अभिषेक (गोलू) के इस मूर्खतापूर्ण रवैये के कारण साखी गांव में आक्रोश व्याप्त है तथा पीडि़त पक्ष सहित गांव के लोगों ने पुरजोर ढंग से यह मांग कि साखी गांव में उग्र विवाद की आशंका के मद्देनजर अभिषेक (गोलू) को तत्काल गिरफ्तार यिा जाए क्यों कि ऐसे असामाजिक तत्व को समाज में रहने का हक नहीं है।
आईजी को दी मामले की जानकारी:-
आर्मीमैन अभिषेक (गोलू) द्वारा बृजेश द्विवेदी को पुन: जान से मारने की धमकी देने संबंधी मामले की जानकारी आईजी शहडोल रेंज जी जनार्दन को फोन पर देने के साथ ही उन्हें बृजेश द्विवेदी द्वारा लिखित शिकायत भी भेजी गई है। साथ ही कमिश्नर शहडोल संभाग- कुशल प्रशासक राजीव शर्मा से भी इस मामले में प्रभावी पहल की अपेक्षा जताई गई है। मामले की जानकारी मिलने पर आईजी शहडोल रेंज व तेज तर्राट आईपीएस अधिकारी जी जनार्दन ने इस मामले में त्वरित ऐक्शन लेने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि आईजी श्री जनार्दन व तत्कालीन शहडोल एसपी सतेन्द्र शुक्ला के प्रभावी हस्तक्षेप की बदौलत ही इस मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी। साथ ही सिविल कोर्ट ब्योहारी के अपर सत्र न्यायाधीश जस्टिस जयदीप सिंह तथा हाईकोर्ट जबलपुर के जस्टिस बीके श्रीवास्तव व जस्टिस अंजुली पालो द्वारा उक्त आरोपियों को गुनाहगार एवं षडय़ंत्रकारी मानते हुए उनकी अग्रिम जमानत खारिज किये जाने ही आरोपियों करीब 15 दिन जेल की हवा खानी पड़ी थी। सिविल कोर्ट ब्योहारी में पीडि़त बृजेश द्विवेदी की मजबूत पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार शर्मा जबकि जबलपुर हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश द्विवेदी ने की थी।
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