मैहर,सतना ,चित्रकूट फोर लेन प्रस्ताव निरस्त करना विंध्य भूमि के साथ छल: अजय सिंह
26 सौ करोड़ रूपये के प्रोजेक्ट को घटाकर 328 करोड़ करना धार्मिक आस्था पर प्रहार
शिवराज सिंह मूल प्रस्ताव को लागू करायें
-अजय सिंह
सीधी।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट को सतना से जोड़ने वाली फोर लेन रोड का प्रस्ताव निरस्त करने पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है| इसी के साथ लाखों लोगों की आस्था का केंद्र मैहर से सतना को जोड़ने वाले फोर लेन रोड के प्रोजेक्ट को भी टू लेन किया जा रहा है।
सिंह के कहा कि शिवराजसिंह चौहान विंध्य की पवित्र और धार्मिक भूमि के लोगों के साथ लगातार छल करते जा रहे हैं| राम वनगमन पथ निर्माण का काम ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया है| भगवान राम के प्रति झूठी आस्था बताकर वोट कबाड़ने वाली भाजपा को राम से कोई लेना देना नहीं है| राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष चम्पत राय पर न्यास के लिए भूमि खरीदी पर १८ करोड़ के घोटाले के आरोप लग रहे हैं|
अजयसिंह ने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत मैहर सतना चित्रकूट फोर लेन रोड का मूल प्रस्ताव 26 सौ करोड़ रूपये का था| जिसे पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर मात्र 328 करोड़ रूपये कर दिया गया है| इसके पीछे ट्रेफिक कम होने का तर्क दिया जा रहा है| जब ट्रेफिक कम था तो प्रोजेक्ट बनाया ही क्यों गया? उन्होंने कहा कि पूरे देश से हजारों धर्म प्राण जनता हरदिन मैहर माता और चित्रकूट तीर्थ के लिए आती है| इसीलिए ट्रेफिक कम होने की बात हास्यास्पद है| तीर्थ यात्रियों के सुविधाजनक आवागमन के लिए ही सतना चित्रकूट फोर लेन रोड का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था| अब दुर्भावना से प्रेरित होकर सतना से चित्रकूट तक फोर लेन का प्रस्ताव तो पूरी तरह निरस्त कर दिया गया है| साथ ही सतना से मैहर तक फोर लेन के प्रस्ताव को घटा कर टू लेन रोड का कर दिया गया है| यह विन्ध्य की जनता के साथ पूर्व नियोजित धोखेबाजी है| न केवल जन भावनाओं पर कुठाराघात है बल्कि भगवान राम के प्रति भाजपा की नकली आस्था का जिन्दा सबूत भी है| यहाँ के लोग शिवराज सिंह सरकार द्वारा भगवान परशुराम के आश्रम को तोड़े जाने की घटना को अभी तक नहीं भूले हैं।
अजय सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा राम वनगमन पथ के नाम पर पहले भी जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा चुका है| जिसके नाम पर सरकार के नुमाइंदों ने गांव गांव जाकर वाहवाही लूटी थी, उसी रामपथ के लिए कभी फूटी कौड़ी भी नही दी| पंद्रह वर्षों बाद जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सबसे पहले रामपथ के लिये करोड़ों रुपये की राशि जारी की थी लेकिन भाजपा सरकार के आते ही इस प्रस्ताव पर ग्रहण लग गया| अजय सिंह ने केंद्र एवं राज्य सरकार से पूर्व के प्रस्ताव के आधार पर भारतमाला प्रोजेक्ट को पूरा करने की मांग करते हुए कहा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह देश के करोड़ों लोगों की आस्था पर प्रहार होगा।
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