मध्यप्रदेश में सर्व सुविधा युक्त खोले जाएंगे 9200 विद्यालय,मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया निर्णय
भोपाल।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में सर्व संसाधन युक्त विद्यालयों के लिए 6952 करोड़ रूपये की सहमति दी। इन विद्यालयों का उद्देश्य यह है कि लगभग प्रत्येक बसाहट के 15 किलामीटर के दायरे में एक उच्च गुणवत्ता का विद्यालय प्रदेश के विद्यार्थियों के लिये उपलब्ध हो ताकि शैक्षणिक वातावरण में सुधार कर विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा दी जा सके।
प्रदेश में कुल 9200 विद्यालयों को सर्व संसाधन युक्त विद्यालय के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है। जिसमें से प्रथम चरण में 350 (254 स्कूल शिक्षा विभाग एवं 96 आदिम जाति कल्याण विभाग के विद्यालय) विद्यालयों को तीन वर्ष में तथा शेष 8850 विद्यालयों को आगामी वर्षो में सभी 9200 विद्यालयों को सर्व संसाधन सम्पन्न बनाया जाना प्रस्तावित है।
प्रथम चरण में प्रत्येक जिला स्तर पर एक विद्यालय (52 विद्यालय), जिला मुख्यालय वाले विकासखंड को छोड़कर अन्य सभी विकासखंड स्तर पर एक विद्यालय (261 विद्यालय) तथा बड़े नगरों एवं सुविधाविहीन स्थानों में 37 विद्यालय स्थापित किए जाएँगे।
पूर्व प्राथमिक से कक्षा 12 वीं तक संचालित होने वाले इन विद्यालयों में सर्व सुविधायुक्त अधोसंरचना, गुणवत्ता युक्त स्मार्ट कक्षाएँ सभी प्रकार की प्रयोगशालाएँ, पुस्तकालय, कला, संगीत, खेलकूद एवं परिवहन सुविधा इत्यादि की व्यवस्था रहेगी।
300 करोड़ रूपये हस्तांतरण की मंजूरी
मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि नर्मदा घाटी विकास विभाग को नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट्स कंपनी लिमिटेड के लिए आवंटित राशि 300 करोड़ रूपये को नर्मदा बेसिन प्रोजक्ट्स कंपनी लिमिटेड को हस्तांतरित किया जाए।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी के पदों की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के 33 रिक्त पदों को समर्पित कर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण 1989 के अंतर्गत गठित विशेष न्यायालय के समक्ष अभियोजन संचालन के लिये जिला लोक अभियोजन अधिकारी ( सातवें वेतनमान अनुसार 56100-177500) के 33 नये पदों के सृजन की स्वीकृति दी।
खनिज विभाग
कोविड-19 महामारी की द्वितीय लहर से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है, जिसके फलस्वरूप रेत खदानों के संचालन में वैधानिक कठिनाईयाँ उत्पन्न होने से बाजार में रेत खनिज की मांग उतनी नही है, जितनी की नीलामी के समय संभावना थी।
मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के अंतर्गत रेत खनिज के स्वीकृत ठेकों को कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत रेत खदानों के सुचारू संचालन के लिए निविदाकारों को राहत देने के उद्देश्य से मंत्रि-परिषद द्वारा विभिन्न निर्णय लिये गये। इसके अंतर्गत रेत समूह के ठेकेदारों द्वारा माह मई से सितंबर 2021 की मासिक देय किश्त राशि का न्यूनतम 50 प्रतिशत राशि का भुगतान माह के प्रथम दिवस में देय होगा।
माह मई 2021 में उपरोक्त जमा राशि की मात्रा एवं पूर्व में उपलब्ध स्टॉक से अधिक मात्रा की रेत विक्रय करने की स्थिति में ठेकेदार को माह मई 2021 की जमा किश्त राशि से अधिक विक्रित मात्रा की राशि माह जून,2021 के प्रथम दिवस को (पे एस यू गो) के सिद्वान्त के आधार पर जमा कराई जाए। माह के लिए जमा की जाने वाली कुल राशि मासिक देय किश्त से अधिक नहीं होगी। यही प्रक्रिया आगामी माहों के लिये भी लागू होगी। शेष राशि को बिना ब्याज के विलम्बित किया जाएगा।
जिन रेत समूहों के ठेके 30 जून,2023 तक अनुबंधित हैं, उनसे विहित प्रावधानानुसार विलम्बित राशि की वसूली 1 अप्रैल 2022 से तिमाही किश्त के रूप में पाँच समान किश्तों में वसूल की जाएगी। जिन रेत समूहों के ठेके 30 जून 2022 को समाप्त हो रहे है, वे मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग के परिपत्र 26 मई 2020 के अनुसार 30 जून 2023 तक ठेका वृद्वि प्राप्त करने का विकल्प 31 जुलाई 2021 तक प्राप्त कर सकेंगे।
जिन ठेकेदारों द्वारा ठेका वृद्वि का विकल्प नहीं चुना जाता, उन्हें विहित प्रावधान अनुसार विलंबित राशि का भुगतान 1 जनवरी 2022 से 6 समान मासिक किश्तों में करना होगा।
मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 10 के प्रावधान अनुसार रेत वर्ष 2021-22 के लिये एक जुलाई 2021 को लगने वाली 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्वि को बिना ब्याज के विलंबित किया जाएगा। स्पष्ट किया गया है कि 1 जुलाई 2022 को मध्यप्रदेश रेत (खनन,परिवहन,भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 10 के प्रावधान अनुसार रेत वर्ष 2022-23 के लिये 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्वि लागू होगी।
इस विलंबित राशि की वसूली 30 जून 2022 / 30 जून 2023 को प्रचलित दर पर, समानुपातिक रूप से अनुबंधित अवधि की समाप्ति के बाद, रेत ठेका दिवस में वृद्वि कर की जाये। इस राशि की मात्रा रेत ठेकेदार को अतिरिक्त रूप से ठेका अवधि के अंतिम वर्ष में, वैधानिक स्वीकृतियों के अधीन, भुगतान करने पर उठाव के लिए उपलब्ध होगी।
ठेकेदार को उपरोक्त अनुसार बढ़ी हुई अवधि के लिये 30 सिंतबर 2021 तक पूरक अनुबंध का निष्पादन करना होगा। इस नियत अवधि में पूरक अनुबंध निष्पादित नहीं करने की स्थिति में ठेकेदार उपरोक्त लाभ प्राप्त नहीं कर सकेंगे।
मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 10 (2) एवं खनिज साधन विभाग के परिपत्र 31 दिसम्बर 2020 में आंशिक संशोधन करते हुए रेत ठेकेदार माह के लिये देय किश्त का आंशिक भुगतान, जो न्यूनतम 25 प्रतिशत होगा, माह में कर सकेंगे। इस राशि की समानुपातिक रेत मात्रा भी ठेकेदार को उठाव के लिए जारी की जावेगी। किन्तु ठेकेदार को माह की देय शेष किश्त की राशि एवं अन्य शोध्यों का भुगतान अनिवार्य रूप से उसी माह में (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 13 (2) में निर्धारित ठेका अनुबंध में विहित प्रावधानों अनुसार करना होगा।
जिन ठेकेदारों द्वारा माह मई, 2021 की सम्पूर्ण किश्त राशि जमा कर दी गई है उस राशि को उपरोक्तानुसार समायोजित किया जायेगा। यह लाभ, केवल उन्हीं ठेकेदारों को दिया जाएगा, जिनके द्वारा अप्रैल 2021 तक की सम्पूर्ण देय बकाया राशि/ किश्तों का भुगतान किया गया है एवं उनके द्वारा इस राहत को प्राप्त करने के लिए सहमति प्रदान कर दी जाती है।
शासन के उपरोक्त निर्णय से रेत खदानों के संचालन में सुविधा होगी तथा प्रदेश का राजस्व हित भी प्रभावित नही होगा।
अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के वेतनमान मैट्रिक्स-15 (182200-224100) में 6 पदों को अस्थाई रूप से 2 वर्ष की अवधि के लिये निर्मित करने के मुख्यमंत्री के आदेश 29 दिसम्बर 2020 को एवं इसके परिपालन में विभाग द्वारा जारी आदेश 30 दिसम्बर 2020 का अनुसमर्थन किया।
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