बुजुर्गों की सामाजिक पेंशन छ: सौ से बढ़ाकर तीन हजार की जाए ,राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक नीति बने रेल टिकिट में 50 प्रतिशत छूट बहाल करें -अजय सिंह
सीधी।
मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष तथा पूर्व मंत्री अजय सिंह ने केंद्र सरकार खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन छ: सौ से बढ़ाकर तीन हजार रूपये करने की मांग की है| यह राशि सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दर की लगभग आधी है| इसके साथ ही इसे महंगाई दर से जोड़ा जाए| उन्होंने वरिष्ठ नागरिक नीति बनाने का भी सुझाव दिया है। साथ ही रेल यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों को पूर्व में दी जा रही 50 प्रतिशत छूट को पुन: बहाल करने और उनके लिए लोकल ट्रेनों में स्वतंत्र डिब्बा लगाने की भी मांग की है|
अजयसिंह ने कहा कि सरकार का धर्म है कि वह वृद्धावस्था को जीवन की अनिवार्यता के रूप में स्वीकार करे न कि बोझ के रूप में| वरिष्ठ नागरिकों को देश भर में दवाइयों पर तीस प्रतिशत छूट मिलना चाहिये| साथ ही सरकार घरों से बाहर निकलने में अक्षम लोगों के लिए डोर टू डोर कोरोना से बचाव की वेक्सीन लगाने की सुविधा शीघ्र शुरू करे| उनके लिए स्वास्थ्य सुविधाएँ नि:शुल्क होना चाहिये।
सिंह ने कहा कि आज से सौ साल पहले भारत में औसत आयु 25 वर्ष हुआ करती थी,जो अब 65 वर्ष हो गई है| वर्तमान में भारत में आठ करोड़ लोग 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं| यह संख्या 2025 तक 18 करोड़ तक पंहुचने की सम्भावना है| अधिकतर बुजुर्ग अपनी संतान पर निर्भर हैं। आर्थिक पराधीनता वृद्ध समाज की मुख्य समस्या है| सरकार को अभी से अधिक से अधिक ओल्ड एज होम बनाने को प्रोत्साहित करने की जरूरत है| इनको सरकारी सहायता से चलाया जा सकता है।
सिंह ने कहा कि शिक्षित वृद्धों के अनुभव का लाभ प्रौढ़ शिक्षा और साक्षरता जैसी योजनाओं के लिए लिया जा सकता है| कई बुजुर्ग स्वप्रेरणा से यह काम कर रहे हैं जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं| इससे उन्हें अंशकालिक रोजगार मिलेगा और वे व्यस्त भी रहेंगे| उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को प्रति पेंशनर दौ सौ रूपये का योगदान दिया जा रहा है जो पिछले 12 साल से जस का तस बना हुआ है| जबकि बजट आवंटन 11 सौ करोड़ से बढाकर साढ़े छ: हजार करोड़ से अधिक कर दिया गया है| इस योगदान को भी बढ़ाने की जरूरत है|
सिंह ने याद दिलाया कि एनजीओ हेल्पेज इण्डिया और पेंशन परिषद् के बैनर तले 30 अक्तूबर 2018 को देश भर से आये लगभग दस हजार वरिष्ठ नागरिकों ने इन्हीं सब मांगों को लेकर राजधानी दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन किया था| अफ़सोस है कि आज तक केंद्र सरकार ने सीनियर सिटीजन्स के लिए कोई ठोस काम नहीं किया है|
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