कमिश्नर 23 को करेंगे संवेदना अभियान की समीक्षा
शहडोल। कोरोना की दूसरी लहर समाप्त होते ही अब एक बार फिर कुपोषण मिटाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कमर कस ली है। इसका असर देखा भी जा रहा है। जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में फिर से बच्चों का शोरगुल सुनाई देने लगा है। यहां पर चहल पहल दिखाई देने लगी है। यूं कहें कि लंबे समय के बाद फिर से एनआरसी गुलजार हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि कमिश्नर राजीव शर्मा ने संवदेना अभियान चलाकर कुपोषण मिटाने का बीड़ा उठाया है यह उस अभियान का भी असर कहा जा सकता है। चार जून तक जिला अस्पताल का एनआरसी खाली था लेकिन इसके बाद से यहां पर अब बच्चों की भर्ती होना शुरू हो गई है। हालांकि जिला महिला बाल विकास अधिकारी शालिनी तिवारी कहती हैं कि यह अभियान का असर नहीं है बल्कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सक्रियता कह सकते हैं। महिला बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी शालिनी तिवारी का कहना है कि कमिश्नर के निर्देश पर जिले में कुपोषण को दूर करने के काम पर फोकस किया जा रहा है। प्रतिदिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ से संवाद किया जा रहा है। उनसे पूछा जाता है कि आज कितना सर्वे किया कितने बच्चे मिले और अन्य दूसरे बिंदुओं पर बात होती है। कमिश्नर राजीव शर्मा ने संवेदना अभियान की समीक्षा करने के लिए 23 जून को बैठक बुलाई है जिसमें संभाग के अधिकारी व जिले के कार्यक्र म अधिकारियों को बुलाया गया है। बैठक सुबह साढे ग्यारह बजे से होगी जिसमें यह तय किया जाएगा कि अब आगे और क्या किए जाए कि संभाग के तीनों जिलों से कुपोषण की स्थिति में सुधार हो।
0 टिप्पणियाँ