शिवराज सिंह पेंशनरों और कर्मचारियों का हक मार रहे हैं,जनता की जेब काटकर पेट्रोल डीजल से 14 हजार करोड़ कमाये:अजय सिंह

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शिवराज सिंह पेंशनरों और कर्मचारियों का हक मार रहे हैं,जनता की जेब काटकर पेट्रोल डीजल से 14 हजार करोड़ कमाये:अजय सिंह



शिवराज सिंह पेंशनरों और कर्मचारियों का हक मार रहे हैं,जनता की जेब काटकर पेट्रोल  डीजल से 14 हजार करोड़ कमाये:अजय सिंह


फिर भी कर्मचारियों, पेंशनरों, नर्सिंग, पेरामेडिकल  स्टाफ और आशा ऊषा कर्मचारियों से बेरहम


सीधी।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह  ने कहा है कि शिवराज सरकार मंहगे होते पेट्रोल  डीजल के टैक्स से हर साल 14 हजार करोड़ रूपये जनता से लूट रही है। वहीं बुर्जुग पेंशनरों और कर्मचारियों का हक मार रही है । कोरोना से लड़ने वाला नर्सिग और  पैरामेडिकल स्टाफ और आशा ऊषा कार्यकर्ता भी शिवराज सरकार के रवैये से परेशान होकर अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं । लाखों कर्मचारियों के वेतन में काल्पनिक इक्रीमेंट लगाया जा रहा है  जिससे रिटायर होने वाले लोगों को पेंशन और ग्रेच्युटी में घाटा हो रहा है। पिछले वर्ष से तीन बार का डीए भी रूका हुआ है| प्रमोशन पर भी रोक लगी है। इनके साथ शिवराज सिंह कहां तक अन्याय करते रहेंगे? उनमें जनता के प्रति संवेदनशीलता का अभाव है। 
सिंह ने कहा कि प्रदेश के चार लाख पेंशनरों का पांच प्रतिशत डीए जुलाई 2019 से रूका है। उम्र के इस पड़ाव पर जब उन्हें पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, उनका पैसा रोकने का क्या तुक है। पेट्रोल डीजल से सरकार हजारों करोड़ रूपये की कमाई कर रही है| पेट्रोल डीजल के दाम आगे भी इसी तरह बढ़ते रहेंगे तो सरकार की और कमाई होगी। इसमें से यदि थोड़ा सा पैसा भी इन बुर्जुगों को उनके हक का दे दिया जाये तो सरकार का कोई काम नहीं रुकने वाला, बल्कि इस कठोर सरकार को थोड़ी बहुत दुआएं ही मिलेंगी। मंहगाई चरम पर है और जुलाई 19  के बाद से तीन डीए की घोषणा कोरोना की आड़ में वैसे ही रूकी हुई है।  
अजय सिंह ने कहा कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा काम करने वाले 40 हजार नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ अपनी दस साल पुरानी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष  कर रहा है। वे अभी थाली और शंख बजा कर रैली निकाल रहे हैं। लेकिन शिवराज सिंह के कान में जूं नहीं रेंग रही। वे उनकी मांगे न तो सुनने को तैयार हैं और न ही समझने| यदि उनमें जरा सा भी विवेक बाकी है तो इन कोरोना वारियर्स की मांगे तत्काल मानें और 25 जून से होने वाली बेमुद्दत हड़ताल को टालें। हड़ताल से अंततः गरीब जनता ही परेशान होगी| 
अजय सिंह ने कहा कि  इसी तरह  प्रदेश की 75 हजार से ज्यादा आशा-ऊषा और सहयोगिनी  कार्यकर्ता भी अपनी छोटी छोटी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। वे पूरे 30 दिनों का वेतन ही तो  मांग रहे हैं। साथ ही पेट्रोल भत्ता और पारिश्रमिक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं| यह मांग भीषण मंहगाई के चलते वाजिब है। ये भी 20 जून से बेमुद्दत हड़ताल पर जा रहे हैं। उनकी मांगे मानने पर सरकार पर कोई  खास बोझ  नहीं आने वाला। मेरा शिवराज सिंह से आग्रह है कि वे अपने आप को पेंशनरों,कर्मचारियों,नर्सिग और पैरामेडिकल स्टाफ,आशा,ऊषा कार्यकर्ता और लाखों परेशान कर्मचारियों की जगह रखकर देखें और तत्काल उनके पक्ष में निर्णय लें ।

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