कोरोना वैक्सीन: 12 से 18 साल तक के बच्चों के लिए जल्द आ जाएगा कोरोना टीका, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
केंद्र सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रधानमंत्री ने 13 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से अनुरोध प्राप्त करने के बाद सात जून को संशोधित टीकाकरण नीति की घोषणा की थी। इसके पीछे उद्देश्य यह था कि असाधारण और अभूतपूर्व परिस्थिति में कम से कम समय में अधिकतम टीकाकरण हो। साथ ही सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 12 से 18 साल के बच्चों पर टीके का क्लीनिकल ट्रायल भी पूरा हो गया है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त हलफनामा दायर कर कहा है कि इस वर्ष के अंत तक 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों (93-94 करोड़) को कोविड-19 का टीका लगाने के लिए 186 से 188 करोड़ खुराक की जरूरत है।
लिहाजा अगस्त से दिसंबर के बीच करीब 135 करोड़ खुराक की व्यवस्था की जाएगी।
मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया है कि सोमवार से लागू नई नीति के तहत 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी। पारदर्शिता के लिए हर दिन टीकाकरण के आंकड़ों को सार्वजनिक किया जा रहा है।
सरकार ने कहा है कि निजी टीकाकरण केंद्रों पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी टीका मिल सके, इसके लिए वाउचर वाली एक योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत NGO वाउचर खरीद सकते हैं और जरूरतमंद लोगों में इसका वितरण कर सकते हैं।
बच्चों के लिए जल्द ही कई टीके
केंद्र ने हलफनामे में यह भी कहा कि बच्चों में कोविड संक्रमण की आशंका के मद्देनजर राज्यों को आवश्यक तैयारी के लिए कहा गया है। बच्चों के लिए जल्द ही कई टीके उपलब्ध होंगे। 12 मई को भारत के औषधि महानियंत्रक ने भारत बायोटेक को दो से 18 साल तक के बच्चों पर टीके के ट्रायल की इजाजत दी है। डीएनए टीका विकसित कर रहे जाइडस कैडिला ने भी 12 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए अपना क्लीनिकल परीक्षण समाप्त कर लिया है।
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में अभी कहां है कि ऐसा कोई वैज्ञानिक अध्ययन उपलब्ध नहीं है जो यह प्रमाणित करें कि कोविड-19 का खतरा किसी खास आयुवर्ग के लिए हैं। लेकिन बच्चों में कोविड के संक्रमण की आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्यों को आवश्यक तैयारी करने के लिए कहा है।
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