एक तरफ कोरोना तो दूसरी तरफ सचिव एवं सहायक सचिव की मनमानी, मजदूरों की बजाय मशीनों से करवाया जा रहा है काम
सीधी।
जिले में कोरोना की विभीषिका में पलायन कर वापस आए मजदूरों को काम मिल सके इसलिए जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार ने पंचायतों में कराए जाने वाले समस्त कामों में मजदूरों को मनरेगा के तहत स्थानीय स्तर पर गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराये जाने के आदेश दिए हैं।
किंतु सरकार के आदेश केवल कागजी कार्यवाहीयो तक ही सिमट कर रह गए हैं। सचिव एवं सहायक सचिवो द्वारा इन नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। और गरीबों के निवाला छीनने में माहिर साबित हो रहे हैं।
ऐसा ही कुछ जनपद पंचायत कुसमी के अंतर्गत ग्राम पंचायत कतरवार में देखने को मिला जहाँ सचिव कृष्ण प्रताप सिंह एवं सहायक सचिव नागेंद्र जयसवाल द्वारा मनरेगा के तहत तालाब निर्माण का कार्य जेसीबी एवं ट्रैक्टर से करवाया जा रहा है।
ग्रामीणों की माने तो मनरेगा के तहत रामपियारे पटवा के खेत पर तालाब निर्माण का कार्य सचिव एवं सहायक सचिव द्वारा करवाया जा रहा है जिसकी निगरानी सहायक सचिव द्वारा की जा रही हैं।
सूचना मिलने पर जब मीडिया की टीम कवरेज करने पहुंची तो मीडिया की टीम को देखते ही जेसीबी एवं ट्रैक्टर को लेकर भागने लगे ।जिन्हें निकट ही मकान के पीछे ले जाकर खड़ा कर दिया गया।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि सचिव राजनीतिक पहुंच होने के कारण पंचायत पर कम ही आते जाते हैं।वहीं सहायक सचिव द्वारा मनमानी पूर्वक पंचायत में कार्य संचालित किया जाता है। वही मीडिया के कवरेज के दौरान सचिव एवं सहायक सचिव पंचायत कार्यालय से नदारद पाए गए।
मीडिया की टीम पहुंचने की सूचना प्राप्त होते ही सहायक सचिव नागेंद्र जयसवाल द्वारा पहुंचकर सफाई दी गई कि हमारे पंचायत के अंतर्गत किसी भी प्रकार से कोई भी काम मशीनों द्वारा नहीं करवाया जा रहा है।
देखा जाए तो प्रशासन की नरमी सरपंच,सचिव एवं सहायक सचिवों को मनमानी करने की खुली छूट दे रखी है। जिससे पंचायतों द्वारा, गरीब एवं मजदूरों के मुंह से निवाला छीनने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
किन्तु देखना यह दिलचस्प होगा कि मामला संज्ञान में आने के बाद प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है।
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