मध्यप्रदेश: तेज रफ्तार ट्रेन निकलते ही भरभरा कर गिरा स्टेशन भवन, कई घण्टों तक ट्रेनों का आवागमन बाधित
बुरहानपुर और नेपानगर के बीच बुधवार शाम साढ़े चार से पांच बजे के बीच चांदनी स्टेशन का आरसीसी भवन का अगला हिस्सा भरभरा कर गिर गया। जानकारी मिलते ही लोंगो की भीड़ इकट्ठा हो गई, गनीमत रही की किसी प्रकार की कोई हताहत नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि इस दौरान वहां से तेज रफ्तार पुष्पक एक्सप्रेस गुजर रही थी। इसे हरी झंडी दिखाने के लिए एएसएम प्रदीप पवार बाहर निकले थे। तभी भवन का बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिरा। इस कारण शाम सवा सात बजे तक करीब दर्जनभर ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ। वहीं क्षतिग्रस्त भवन को तोड़ने का काम भी शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक तत्काल नए भवन का निर्माण शुरू कराया जा रहा है।
हादसे में स्टेशन अधीक्षक कक्ष की खिड़कियों के कांच फूट गए और बोर्ड गिर गए।
भवन के अगले हिस्से का मलबा स्टेशन परिसर पर बिखर गया। इस दौरान चार और कर्मचारी भवन में बैठकर काम कर रहे थे। भवन गिरता देख बाहर की ओर भागे और जान बचाई। घटना की सूचना मिलते ही एडीआरएम मनोज सिन्हा सहित कई अधिकारी भुसावल से सड़क मार्ग के जरिए मौके पर पहुंचे, जबकि कुछ अधिकारी खंडवा से भी आए। वहीं अप और डाउन ट्रेक से आने-जाने वाली हर गाड़ी को आउटर अथवा अन्य स्टेशनों पर रोक कर लूप लाइन से आगे रवाना किया गया।
रेलवे के इतिहास में संभवत: यह पहला मामला होगा, जबकि किसी स्टेशन की बिल्डिंग इस तरह भरभरा कर गिरी है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इस भवन का निर्माण करीब चौदह साल पहले 2007 में हुआ था। इसके अलावा कुछ हिस्सा बाद में भी बनाया गया था। स्टेशन परिसर में बिखरे मलबे में पिलर का मलबा नहीं पाए जाने से माना जा रहा है कि संबंधित ठेकेदार ने बिना पिलर के ही भवन खड़ा कर दिया था।
संभवत: यही वजह है कि यह भवन ट्रेनों के गुजरने से होने वाला कंपन ज्यादा समय तक नहीं झेल पाया। हादसे के बाद ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई थी और स्टेशन में घंटों तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। इस दौरान आंधी का मौसम भी बन गया था। गनीमत यह थी कि हादसे के दौरान स्टेशन परिसर में यात्री नहीं थे अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। रेलवे अफसरों के अनुसार मौके पर पहुंचे रेलवे के इंजीनियरों ने स्टेशन के आसपास के ट्रेक की भी जांच की है। हादसे की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
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