मध्यप्रदेश में पकड़ा गया फर्जी जज: माता पिता और पत्नी को खुश रखने के लिए बना फर्जी जज

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मध्यप्रदेश में पकड़ा गया फर्जी जज: माता पिता और पत्नी को खुश रखने के लिए बना फर्जी जज



मध्यप्रदेश में पकड़ा गया फर्जी जज: माता पिता और पत्नी को खुश रखने के लिए बना फर्जी जज



जिले में पुलिस  ने एमजेएस कॉलेज  के पास स्वतंत्र नगर से एक फर्जी जज को गिरफ्तार किया है. दरअसल आरोपी अपने आप को जज बताता था और उसके पास से बरामद गाड़ी पर भी न्यायाधीश और घर की नेम प्लेट पर भी न्यायाधीश लिखा हुआ था. आरोपी की पहचान दीपक भदौरिया के रूप में हुई है जो कि उत्तर प्रदेश के कन्नौज (Kannauj) के छिबरामऊ इलाके का रहने वाला है. आरोपी के पास से विजिटिंग कार्ड भी बरामद हुए हैं, जिन पर भी न्यायाधीश लिखा हुआ है.

लोगों पर झाड़ता था रौब

आरोपी दीपक भदौरिया उत्तर प्रदेश में अपने घर पर लोगों को खुद को जज बताकर रौब झाड़ता था. आशंका जताई जा रही है कि आरोपी कई मामलों में भिंड और कन्नौज में केस रफा-दफा करने के नाम पर धोखाधड़ी भी कर चुका है. पुलिस इसकी जांच कर रही है.

अज्ञात नम्बर से मिली थी टिप

डीएसपी मोतीलाल कुशवाहा के मुताबिक़ एक अज्ञात नम्बर द्वारा उन्हें दीपक भदौरिया के बारे में टिप मिली थी. फोन करने वाले व्यक्ति ने बताया था कि वह भिंड में पोस्टिंग दिखाकर लोगों को डराता-धमकाता है. जिस पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी. हालांकि मामला जज से जुड़ा होने के चलते पुलिस ने सावधानी बरती और पहले भिंड में पदस्थ जजों की सूची मंगाई. साथ ही हाल के सालों में सिविल जज परीक्षा में पास करने वाले लोगों की लिस्ट भी चेक की. जब पुलिस को फर्जीवाड़े का यकीन हो गया तो उन्होंने दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

माता-पिता का न टूटे दिल इसलिए बना फर्जी जज

दीपक ने पुलिस को बताया कि मैंने वकालत की डिग्री जबलपुर से की। कानपुर में रहकर सिविल जज की पढ़ाई की। मेरी मां बीमार रहती है। पिता ने मेरी पढ़ाई पर खूब खर्च किया। इसके बाद भी मेरा सिलेक्शन नहीं हो सका। जब मैंने देखा कि मेरे नाम का ही एक युवक सिविल जज बना तो मैंने परिवार काे खुश रखने के लिए स्वयं का सिलेक्शन होना बता दिया था। मेरी शादी दस साल पहले हुई थी मेरे दो बच्चे भी है जो कि माता- पिता के साथ रहते हैं। मैं अकेला भिंड में रहता हूं।

शान-शौकत के लिए बोला करता था झूठ

माता-पिता, पत्नी व नाते-रिश्तेदारों से एक बार जीवन में झूठ बोल दिया तब से लगातार झूठ बोलता आ रहा हूं। यही झूठ को मेंटेनेंस करने के लिए गाड़ी पर न्यायाधीश लिखा रखा था। दीपक के पास से पुलिस को सिविल जज के विजिटिंग कार्ड भी मिले। मोबाइल में एक एप्लीकेशन भी मिला जिससे उसने सीनियर्स को अवकाश के लिए लिखा था। युवक का कहना है कि वो भिंड में एक साल से रह रहा है। दीपक ने पुलिस को यह भी बताया कि यह झूठ से समाज में खूब इज्जत मिलती थी। वो टोल प्लाजा पर भी बिना टैक्स दिए आता जाता था।

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