कोरोना कॉल में भेदभाव पूर्ण कार्यवाही का आलम,अवैध कारोबारियों को छूट के कारण व्यापारियों में आक्रोश
प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा अवैध व्यापार
मझौली।
एक तरफ पूरा देश कोरोना महामारी जैसे संक्रमण से जूझ रहा है वहीं सीधी जिले में भी संक्रमण का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है जहां जिला मजिस्ट्रेट सीधी रविंद्र कुमार चौधरी द्वारा आदेश जारी कर जिले भर में 31 मई तक संपूर्ण लॉक डाउन लगाया जाकर पुलिस अधीक्षक सीधी पंकज कुमावत एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीधी अंजूलता पटले के साथ खुद सड़क पर उतर दिन रात संक्रमण की चैन तोड़ने में लगे हुए हैं परंतु मझौली का स्थानीय प्रशासन जिले के आला अधिकारियों के मनसा पर पानी फेर रहा है। आपको बता दें कि एक ओर जहाँ ग्राम पंचायतों में संक्रमण काल का फायदा पंचायत कर्मी व उनके आला अधिकारी भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार का उठा रहे हैं वही मझौली क्षेत्र के जिम्मेदार प्रशासन फैल रहे संक्रमण की रोकथाम के बजाय काली कमाई करने में जुटा हुआ है। बता दें कि एक ओर जहां क्षेत्रों में प्रशासनिक कर्मचारी व इनके दलाल अवैध उत्खनन व कारोबार को कमीशन के आधार पर संरक्षण दे रखे हैं वही मेन बाजार मझौली में प्रशासन के टांग तर घुस अवैध कारोबारी दलाली कर प्रशासनिक अमला के लिए मुसीबतें खड़ी कर रहा है। मझौली व्यापारियों की मानें तो मझौली मेन मार्केट में अवैध कारोबारियों को प्रशासन छूट दे रखा है जहां से महुआ, गेहूं एवं अन्य सामग्रियों का अवैध व्यापार जारी है मझौली के इक्का-दुक्का लोग प्रशासन के टांग तर से अवैध रूप से व्यापार कर रहे हैं वही हम पंजीकृत व्यापारियों को दुकान का शटर उठाना मुश्किल हो गया है व्यापारियों का यह भी कहना है कि प्रशासन के नाम पर दुकानों से बाजार के दलाल द्वारा सुविधा शुल्क के नाम पर राशि वसूली जा रही है भले ही चाहे प्रशासन तक ना पहुंचती हो पर यह जरूर देखने को मिल रहा है की स्थानीय प्रशासन इसी सक्रिय सूचना तंत्र व दलाल के इशारे पर कार्यवाही करने में आमदा है जिस कारण प्रशासनिक अधिकारियों भी संदिग्धता के घेरे में है जिससे अधिकांश व्यापारियों में प्रशासनिक अमले के खिलाफ आक्रोशित हो रहे हैं। विदित हो कि विगत 25 अप्रैल को मझौली मेन मार्केट के एक घर से अवैध महुआ वाहन में शाम 7 बजे लोड किया जा रहा था जिसकी जानकारी व्यापारियों द्वारा मीडिया को दी गई मीडिया की टीम जब वहां पहुंची तो महुआ वाहन में लोड किया जा रहा था जिसकी सूचना जिम्मेदार स्थानीय अधिकारियों को मीडिया द्वारा दी गई किंतु मझौली मार्केट में घूम रहा प्रशासन वहां पर नहीं पहुंचा जब पता लगाया गया तो पता चला कि इस अवैध व्यापार को अंजाम देने वाला खुद जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों से नजदीकी बना रखा है और प्रशासन की दलाली कर एक और जहां अवैध व्यापार कर रहा है वही इससे संपर्क ना साधने वाले व्यापारियों पर कार्यवाही व प्रताड़ना कराई जा रही है। हालांकि अभी तक यह जानकारी नहीं हो सकी है कि यह अवैध कारोबारी व सूचना तंत्र प्रशासन से सांठगांठ कर इस तरह से अवैध कारोबार एवं कमीशन उगाही कर रहा है या प्रशासन से नजदीकी बनाकर खुद प्रशासन को गुमराह कर रहा है अब जबकि मझौली में मार्केट में कई दुकानें हमेशा संचालित रहती हैं किंतु प्रशासन द्वारा इसी सूचना तंत्र के इशारे पर इक्का-दुक्का कार्यवाही की जा रही है व्यापारियों का आक्रोशित होना कहीं ना कहीं जायज साबित हो रहा है इसके पूर्व भी इस सूचना तंत्र व दलाल के बारे में समाचार का प्रकाशन कर शासन प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रशासन पूर्ण तरह से अपनी आंख बंद कर रखा है समाचार पत्र के माध्यम से व्यापारियों द्वारा जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए व्यवस्था सुधार की गुहार लगाई गई ।
कीमत से अत्याधिक ज्यादा रेट पर बिक रही सामग्री
मेन मार्केट मझौली सहित ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानदारों द्वारा रेट से अत्याधिक ज्यादा कीमत ग्राहकों से वसूली जा रही है दुकानदारों की मानें तो इनका कहना होता है कि दुकान खोलने का जुर्माना हम लोगों को देना पड़ रहा है तब कहीं जाकर दुकान खोल पाते हैं यदि ज्यादा पैसा नहीं लेंगे तो हमारा धंधा चौपट हो जाएगा। यह भी कहीं ना कहीं जायज साबित हो रहा है । क्योंकि भले ही चाहे क्षेत्र में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं पर उनका प्रभाव कहीं नहीं दिख रहा है। जिसका प्रमुख कारण जिम्मेदार अधिकारी माने जा रहे हैं सूत्रों की माने तो वरिष्ठ अधिकारी खुद गिने चुने कर्मचारियों व क्षेत्री दलालों को तजुर्बा दे रहे हैं जिससे ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों का वर्चस्व व प्रभाव खत्म होता जा रहा है और अवैध कारोबारियों पर लगाम लगाना मुश्किल हो रहा है यहां तक की दलालों से सांठगांठ रखने वाले व्यापारी पुलिसकर्मियों पर भी हमला बोल रहे हैं।
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