व्हाइट फंगस के कारण महिला के आंत में हो गया छेद, दुनिया मे पहला मामला
नई दिल्ली।
कोरोना महामारी के बीच देश में ब्लैक और व्हाइट फंगस भी कहर बरपा रहे हैं. राजधानी दिल्ली में व्हाइट फंगस का एक मामला प्रकाश में आया है, जिसमें फंगस की वजह से एक महिला की आंतों में छेद हो गए. व्हाइट फंगस का यह दुनिया में पहला मामला है.
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल द्वारा इस केस के बारे में जानकारी दी गई है. अस्पताल के अनुसार, 49 वर्षीय एक महिला 13 मई 2021 को सर गंगा राम अस्पताल के इमरजेंसी में लाई गई थीं. तब उसके पेट में असहनीय दर्द था एवं उल्टियों के साथ उन्हें कब्ज़ की भी समस्या थी. महिला कैंसर से पीड़ित थी और कुछ समय पहले ही उसकी कीमोथेरेपी भी हुई थी.
जब अस्पताल में उसका सीटी स्कैन किया गया, तो आंतों में छेद होने के बारे में पता लगा. अस्पताल में चार घंटे लम्बी सर्जरी के बाद महिला की फ़ूड पाइप, छोटी आंत एवं बड़ी आंत में हुए छेदों को बंद कर दिया एवं द्रव्य लीक को रोक दिया गया.
अस्पताल के डॉ. अनिल अरोड़ा के अनुसार, "आंत से निकाले गए टुकड़ों की बायोप्सी से हमें पता चला कि आंतों में व्हाइट फंगस है, जिसने आंतों के भीतर खतरनाक फोड़ेनुमा घाव कर दिए थे, जिसके कारण से खाने की पाइप से लेकर छोटी आंत एवं बड़ी आंत में छेद हो गए थे. डॉ. अरोड़ा के अनुसार, स्टेरॉयइड के उपयोग के बाद ब्लैक फंगस के द्वारा आंत में छेद होने के कुछ केस हाल ही में सामने आए हैं. किन्तु व्हाइट फंगस द्वारा कोरोना संक्रमण के बाद खाने की नली, छोटी आंत एवं बड़ी आंत में छेद करने का यह केस पूरी दुनिया में पहला है.
अस्पताल के अनुसार कुछ समय पहले महिला का कैंसर की वजह से एक दक्ष हटाया गया था और 4 हफ्ते पहले महिला की कीमोथैरेपी खत्म हुई थी। अस्पताल के अनुसार एडमिशन के समय महिला शॉक में थी तथा उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। उपचार के लिए जब अस्पताल ने महिला का सीटी स्कैन किया और उस दौरान महिला के पेट में हवा तथा तरल द्रव का अहसास हुआ जो आंतों में छेद कि निशानी है।
अस्पताल के डॉक्टर अनिल अरोड़ा ने बताया कि महिला की हालत नाजुक थी और उपचार के लिए तुरंत उनके पेट में पाइप डालकर करीब एक लीटर पस और वाइल द्रव निकाला, उसके बाद डॉ समीरन नदी की अध्यक्षता में बनी टीम द्वारा ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया। डॉ समीरन नदी के अनुसार 4 घंटे तक चले ऑपरेशन और सर्जरी के बाद महिला की फूड पाइप, छोटी आंत और बड़ी आंत में हुए छेदों को बंद कर दिया गया तथा छोटी आंतों में हुए गैंगरीन को भी निकालकर एक टुकड़े को बायोप्सी के लिए भेज दिया गया है।
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