कोरोना का कहर: तीन बच्चे हुए अनाथ, कोरोना से माता - पिता की मौत,पीपीई किट पहनकर बेटी ने दफनाया मां का शव
पूरे देश मे कोरोना का कोहराम मचा हुआ है लगातार देश मे कोरोना संक्रमित की। संख्या 4 लाख के पार आ रही है वहीं बिहार में भी कोरोना वायरस भयावह रूप ले चुका है। बिहार के अररिया जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार अररिया जिले के रानीगंज ब्लॉक के बिशनपुर पंचायत स्थित मझुलता गांव में कोरोना संक्रमित दंपति की मौत हो गई। चार मई को पूर्णिया में इलाज के दौरान पिता की मौत हुई थी। इसके बाद शुक्रवार की देर रात में मां ने दम तोड़ दिया। इस घटना की जो तस्वीरें सामने आई है, वह मानवता को झकोझोर कर रख देने वाली है। इस तस्वीरों में पीपीई किट पहने एक बेटी अपनी मां के शव को दफना रही है।
जानकारी के अनुसार बिशनपुर पंचायत के वार्ड 7 निवासी 40 वर्षीय बीरेंद्र मेहता और उनकी 32 वर्षीय पत्नी प्रियंका देवी की जांच 28 अप्रैल को फारबिसगंज में हुई थी। जांच रिपोर्ट में पति-पत्नी दोनों कोरोना संक्रमित मिल थे। पूर्णिया के निजी अस्पताल में दोनों का इलाज चल रहा था। बीते सोमवार को इलाज के दौरान ही बच्चों के पिता बीरेंद्र मेहता की मौत हो गई।
इस दौरान बच्चों की मां प्रियंका देवी की स्थिति गंभीर बनी हुई थी। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से और इलाज में काफी रुपये खर्च होने के बाद प्रियंका के परिजन उसे लेकर घर आ गए। गुरुवार की देर रात को जहां पर प्रियंका की हालत बिगड़ने लगी। प्रियंका को पहले रानीगंज रेफरल अस्पताल, उसके बाद फारबिसगंज कोविड केयर अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर होने की वजह से मधेपुरा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। लेकिन रास्ते में ही प्रियंका की मौत हो गई।
कोरोना वायरस के भय की वजह से गांव का कोई भी सदस्य प्रियंका के अंतिम संस्कार में सहयोग करने के लिए तैयार नहीं हुआ। ऐसी स्थिति में बड़ी बेटी सोनी कुमारी ने ही किसी तरह गड्ढा खोद लिया और खुद पीपीई किट पहन अपनी मां के शव को दफना दिया। चार दिन के अंतराल में तीनों बच्चों के सिर से माता पिता का साया उठ गया। अब चिंता इस बात की है कि दो बेटी व एक बेटा किसके सहारे रहेंगे।
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