जनकल्याण के पर्याय हैं चुनाव:सुधांशु द्विवेदी,अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार एवं विश्लेषक

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जनकल्याण के पर्याय हैं चुनाव:सुधांशु द्विवेदी,अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार एवं विश्लेषक


जनकल्याण के पर्याय हैं चुनाव:सुधांशु द्विवेदी,अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार एवं विश्लेषक



भोपाल।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित हो गये हैं। भारतीय चुनाव आयोग द्वारा व्यापक तैयारियों के साथ संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद अब संबंधित राज्यों में सरकार गठन के पश्चात जनसेवा एवं लोककल्याण के नये अध्यायों का सृजन होगा, ऐसी उम्मीद की जा सकती है। इन विधानसभा चुनावों में सर्वाधिक चर्चा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की रही, जहां राज्य की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में भारी जीत हुई है। राज्य में ममता बैनर्जी की छवि तेज तर्राट, स्वच्छ छवि, सेवाभावी और कर्मठ राष्ट्रीय नेता के रूप में दशकों से स्थापित है। सर्वधर्म समभाव, महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और कल्याण की हिमायती ममता बैनर्जी ने अपना संपूर्ण जीवन राज्य के लोगों की सेवा के लिये समर्पित कर रखा है। उनके नेतृत्व में राज्य विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की जीत से यह बात प्रमाणित होती है। भाजपा नेताओं ने राज्य विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भाजपा के तमाम नेताओं ने राज्य विधानसभा चुनाव में जमकर प्रचार किया, लेकिन इसके बावजूद राज्य के चुनाव में भाजपा को कोई खास सफलता हासिल नहीं हो पाई तो इसका कारण यह रहा कि प्रधानमंत्री सहित भाजपा के दूसरे नेताओं ने राज्य में ममता बैनर्जी के खिलाफ जिस ढंग से अति आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान चलाया, एक प्रतिष्ठित, सम्मानित, दशकों से राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित महिला नेता के खिलाफ गैर जरूरी कटाक्ष, अमर्यादित भाषा शैली का उपयोग किया, वह बंगाल के मतदाताओं को नागवार गुजरा। फिर वह चाहे पुरुष वर्ग के वोटर रहे हों या महिलाएं, बुजुर्ग रहे हों या युवा- युवतियां, हिंदू रहे हों या मुसलमान। राज्य के इन समस्त वोटर्स ने ममता बैनर्जी के सम्मान को बंगाली अस्मिता का मुद्दा बना लिया। यही कारण रहा जिसके सत्परिणाम स्वरूप ममता बैनर्जी के नेतृत्व में राज्य के मौजूदा विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को पिछले 2016 के विधानसभा चुनाव से भी ज्यादा सीटों के साथ प्रचंड जीत मिली है। केरल के विधानसभा चुनाव में वाममोर्चे को पुन: जीत हासिल हुई है तो तमिलनाडु में डीएमके- कांग्रेस गठबंधन ने शानदार सफलता हासिल करते हुए जीत का परचम फहराया है। देश की लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के कायाकल्प और जनसेवा तथा लोककल्याण का मार्ग निरंतर प्रशस्त होते रहने की दृष्टि से राज्यों के यह विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण हैं। उम्मीद की जा सकती है कि राज्यों का विधानसभा चुनाव संपन्न होने के पश्चात अब संबंधित राज्यों के जनमानस की भलाई तथा उत्थान एवं कल्याण के काम तेजी से होंगे तथा वर्तमान दौर में कोरोना संक्रमण से जनजीवन बचाने का काम प्रतिबद्धतापूर्वक किया जाएगा।

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