किसानों व गरीबों की बर्बादी का दस्तावेज है मोदी सरकार के नए कृषि कानून,अस्तित्व में आने के बाद बंद हो जाएगा गरीबों को मिलने वाला निशुल्क राशन- प्रदीप सिंह दीपू
सीधी।
केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पिछले वर्ष कोरोना काल में बनाए गए खेती विरोधी तीन काले कानूनों को निरस्त करने की मागं को लेकर देश के विभिन्न किसान संगठनों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के आज 6 माह पूरे होने पर देश भर में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मनाए जा रहे काला दिवस का कांग्रेस पार्टी ने पूर्ण समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से तत्काल खेती विरोधी तीनों काले कानूनों को वापस लेने की मांग की है।जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता प्रदीप सिंह दीपू ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में मोदी सरकार के खेती विरोधी काले कानूनों को जमाखोरी, कालाबाजारी एवं महंगाई बढ़ाने का दस्तावेज बताते हुए कहां है कि इन काले कानूनों की वजह से सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और आने वाले समय में गरीबों को मिलने वाला सस्ता एवं निशुल्क राशन बंद हो जाएगा।
कांग्रेस प्रवक्ता प्रदीप सिंह ने अपने बयान में कहा है कि खेती विरोधी पहला कानून जो कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य से संबंधित है यह निकट भविष्य में मंडियों की प्रासंगिकता को समाप्त कर देगा। जब मंडियां समाप्त हो जाएंगी तो सरकारी खरीद बंद हो जाएगी और जब सरकारी खरीद बंद हो जाएगी तब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को मिलने वाला सस्ता एवं निशुल्क अनाज भी बंद हो जाएगा। कांग्रेस प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि खेती विरोधी दूसरा कानून जो कांट्रैक्ट फार्मिंग से संबंधित है उसके द्वारा किसानों को विवाद की स्थिति में सिविल कोर्ट जाने से रोकने की साजिश की गई है। कांटेक्ट फार्मिंग के इस काले कानून के द्वारा जब कंपनी एवं पूंजीपति किसानों की जमीन एक निश्चित समय तक के लिए कांटेक्टमें ले लेंगे तो इसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव अधिया बटाई में खेती करने वाले भूमिहीन किसानों पर पड़ेगा। खेती विरोधी दूसरा काला कानून देश के 14 करोड भूमिहीन किसानों के भविष्य को तबाह और बर्बाद कर देगा। कांग्रेस प्रवक्ता प्रदीप सिंह ने अपने बयान में आगे कहा है कि मोदी सरकार का खेती विरोधी तीसरा काला कानून खाद्य पदार्थों की महंगाई का दस्तावेज है। इस काले कानून के द्वारा पूंजीपतियों एवं प्राइवेट कंपनियों को असीमित भंडारण की छूट दी गई है। एक तरह से भाजपा का खेती विरोधी तीसरा काला कानून जमाखोरी और कालाबाजारी को कानूनी मान्यता देने वाला कानून है। कांग्रेस प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा है कि कांग्रेस पार्टी किसानों के आंदोलन एवं उनकी मांगों का पूर्ण समर्थन करती है और सरकार से मांग करती है की तत्काल केंद्र सरकार कृषि से संबंधित तीनों काले कानूनों को निरस्त कर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों एवं विपक्ष से राय मशविरा करके किसान हित में एक नया बिल संसद के आगामी अधिवेशन में लाए और सर्वसम्मति से पास कराए।
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