सीधी में ब्लैक फंगस का दस्तक : तीन बार हुआ था कोरोना टेस्ट लेकिन हर बार आई थी निगेटिव,ब्लैक फंगस से महिला की मौत
सीधी।
कोरोना वायरस के बाद ब्लैक फंगस ने सीधी जिले में दस्तक दे दी है। जिसके बाद से स्वास्थ्य अमले व लोगों के कान खड़े हो गए है। ब्लैक फंगस की बीमारी रीवा,सिंगरौली व सतना में थी। लेकिन अब इसकी दस्तक सीधी जिले में हो गई है। विगत दिनो रामपुर नैकिन जनपद के चोरगड़ी निवासी एक महिला की ब्लैक फंगस से मौत हो गई है। घटना के संबंध में मृतिका के भतीजे विवेक त्रिपाठी ने बताया कि बड़ी मां प्रभा त्रिपाठी पति राजेन्द्र त्रिपाठी 52 वर्ष निवासी चोरगड़ी थाना रामपुर नैकिन की 5 मई से तबियत खराब थी जिनका कोविड टेस्ट कराया गया था जहां उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। उनकी 17 मई को तबियत बिगड़ गई है जहां उनको उपचार के लिए एसजीएमएच रीवा ले जाया गया था। जहां डाक्टरों द्वारा उनका दो बार कोरोना का चेकअप किया गया जहां दोनो बार उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। प्रभा त्रिपाठी की हालत गंभीर होने पर उन्हे आईसीयू में भर्ती किया गया था। तब डाक्टरों द्वारा चेकअप किया गया जहां ब्लैक फंगस होने की पुष्टी हुई तब तक में बहुत देर हो चुकी थी। प्रभा त्रिपाठी के दिमाक तक फंगस पहुंच गया था। जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद रामपुर नैकिन क्षेत्र में सनाका खिंच गया है।
पहले कोरोना, अब फंगस ने बढ़ाई चिंता
एक तो कोरोना संक्रमण ने जिले भर की हालत को पस्त कर दिया वहीं अब लैक फंगस ने नई परेशानी बढ़ा दी। इधर नेत्र रोग के साथ ही साथ नाक, कान और गला विभाग के डॉक्टरों की कसरत बढ़ गई है। कारण यह कि ब्लैक फंगस आंख, नाक, कान और गले में अटैक कर रहा है। इससे अस्पताल में भर्ती अन्य कोविड के मरीजों को भी ब्लैक फंगस का खतरा डराने लगा है। वहीं जो मरीज स्वस्थ होने के बाद घर जा चुके हैं उन्हें भी ब्लैक फंगस के अटैक करने का डर सता रहा है। संक्रमित होने के दौरान मरीजों को दी जा रही स्टेराइड का साइड इफेट इसे बताया जा रहा है। ऐसी स्थिति में डॉक्टरों के सामने असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है।
सीधी में नही है कोई जांच व्यवस्था
जिले में अभी तक कोरोना से निपटने की तैयारियां पूरी नही हुई कि नई बीमारी ने जन्म ले लिया है। जिले में अभी तक ब्लैक फंगस से निपटने कोई रणनीति तैयार नही की गई है। जिससे जिलेवासियों को ब्लैक फंगस होगा तो इसकी जांच के लिए रीवा ले जाना पड़ेगा तब इसकी पुष्टी हो सकेगी। जिले की पूरी जनसंख्या में सिर्फ एक नेत्र रोग विशेषज्ञ है जो जिले के लिए चिंता का विषय है।
जनप्रतिनिधि नही दे रहे ध्यान
जिले के जनप्रतिनिधियों द्वारा ब्लैक फंगस की जांच जिला मुख्यालय में हो इसके लिए कोई प्रयास नही किये गए है। इनके द्वारा अभी तक कोरोना से निपटने इंतजाम किया जा रहा है। अगर जनप्रतिनिधि व अधिकारी इस पूरे मामले में संवेदनशील नही हुए तो इसका खामियाजा जिले की जनता को उठाना पड़ सकता है।
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