मिनी नर्सिंग होम संचालित कर मालामाल हो रहे झोलाछाप डॉक्टर,लोंगो की जान के साथ कर रहे खिलवाड़
रवि शुक्ला,मझौली।
भले ही चाहे मझौली क्षेत्र में हो रही मृत्यु का कोई भी कारण दिखाया जा रहा हो लेकिन सबसे ज्यादा इन दिनों झोलाछाप डॉक्टर जो बिना पढ़े लिखे अनुभवहीन आकर यहां मिनी नर्सिंग होम संचालित कर संक्रमण काल में भी लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।इस और शासन प्रशासन का ध्यान बिल्कुल ही नहीं जा रहा है केबल उन क्लीनिक संचालकों पर शायद जिन्होंने प्रशासन की महीनवारी ना बांधकर चोरी छिपे हल्की फुल्की बीमारियों के दवा कर देते है ।उन पर नाम चार की कार्यवाही कर स्थानीय प्रशासन वाहवाही लूट रहा है। बता दें कि मझौली उपखंड अंतर्गत इस समय जबकि संक्रमण का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है।
सैकड़ों क्लीनिक एवं मिनी नर्सिंग होम झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मेन मार्केट मझौली, मड़वास, जोगी पहरी के साथ पथरौला,गिजवार, कमचढ़, धुंआडोल भदौरा,धनौली,पाण्ड, ठोंगा,चमराडोल आदि मझौली जनपद क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों संचालित हो रही है। जहां बिना डिग्री डिप्लोमा के झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा दवा कर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर किया जा रहा हैं ।यहां तक की इन डॉक्टरों द्वारा लोगों के साथ अभद्रता भी की जाने लगी है जिसका कई बार कई समाचार पत्र, टीवी चैनल, न्यूज़ चैनल, सोशल मीडिया, में खबर प्रकाशन किया जाकर वीडियो फोटो के साथ स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया गया किंतु आज तक स्थानीय प्रशासन द्वारा एक भी ऐसी क्लीनिक पर छापा मार कारवाही ना किया जाना कहीं ना कहीं सवालिया निशान लगा रहा है। सबसे बड़ा सवाल तो यह उठता है कि जिन छोटी मोटी क्लीनिक पर छापामारी कार्यवाही कर स्थानीय प्रशासन वाहवाही लूट रहा है उनके संचालकों पर आज तक कोई दंडात्मक कार्यवाही शायद नहीं की गई है जो लोगों के बीच में चर्चा का विषय बना हुआ है सूत्रों की माने तो ताला लाक का एक सादे कागज में लिख चस्पा कर कई महीनों तक बंद रखने के बाद किसी तरह की दंडात्मक कार्यवाही ना करना कहीं प्रशासन इन क्लीनिक संचालकों से सांठगांठ करने की कवायत तो नहीं कर रखी है। विदित हो कि स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर की कमी एवं समुचित व्यवस्था ना होने के कारण क्षेत्र की भोली भाली गरीब जनता को इन झोलाछाप डॉक्टरों से दवा कराने के लिए मजबूर है जो अपनी मेहनत की कमाई के साथ जान भी लुटा रही है। जिस का ताजा मामला खंड मुख्यालय के समीप ग्राम पंचायत पाण्ड में देखने को मिला जहां पैथोलॉजी सेंटर के नाम पर मिनी नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है यहां तक की रोड के किनारे चबूतरे पर गंभीर मरीज को लिटा कर वाटल लगाया जा रहा था जो मीडिया की नजरों से नहीं बच पाए । पैथोलॉजी के अंदर का नजारा देख मीडिया खुद अचंभित हो गया यहां पर लगभग एक दर्जन मरीजों की दवा पैथोलॉजी संचालक द्वारा की जा रही थी जो कवरेज कर रही मीडिया को बाहर करते हुए क्लीनिक के अंदर पर्दा डाल बाहर बैठे लोगों को जाने का इशारा करते देखे गए कुछ लोगों द्वारा मीडिया को बयान में बताया भी गया कि दवा कराने आए हैं कुछ तो कुछ बोल ही नहीं पाए। यही बस ही नहीं इसी तरह का मिनी नर्सिंग होम मझौली मेन मार्केट सहित क्षेत्र के ग्रामों में संचालित किए गए हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन इन संचालित मिनी नर्सिंग होम संचालकों से दूर हट नाम मात्र के लिए संचालित क्लीनिक , मेडिकल स्टोर, एवं पैथोलॉजी सेंटरों में कार्यवाही कर वाह वाही लूटने में जुटा हुआ है। समाचार पत्र के माध्यम से जिला प्रशासन के संज्ञान में लाते हुए मझौली की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ बनाते हुए अवैध रूप से संचालित क्लिनिको एवं मिनी नर्सिंग होम जो भोली भाली जनता के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं कार्यवाही करने की मांग क्षेत्र के जानकार , वरिष्ठ, एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन स्थानीय प्रशासन की इस निष्क्रीयता पर क्या कुछ कार्यवाही कर पाता है।
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