एक ही दिन में मां बेटी की मौत,दुल्हन बनने वाली थी बेटी, परिवार को उठानी पड़ी अर्थी
एक दिल को झकझोर देने वाली खबर कोटा जिले से सामने आई है। जहां संक्रमण मां और बेटी की एक ही दिन में मौत हो गई। हैरानी की बात यह है कि परिवार जिस बेटी की शादी की तैयारी कर रहा था, वह इस दुनिया को ही छोड़कर चली गई।
दरअसल, यह घटना राजस्थान के कोटा जिले के बिनायक गांव की है। जहां मंगलवार रात बद्री बाई (45) नाम की महिला की कोरोना से मौत हो गई। परिवार के लोगों ने बुधवार सुबह उसका अंतिम संस्कार किया।
अभी चिता की आग बुझी भी नहीं थी कि दो घंटे बाद मृतक महिला की बेटी संगीता की भी मेडिकल कॉलेज से मौत की खबर आ गई। इस तरह 12 घंटे के अंदर मां बेटी की मौत के बाद परिवार में मातम पसर गया।
बता दें कि संगीता की शादी माह अप्रैल में शादी होनी थी, लेकिन उसकी पढ़ाई और कोरोना की वजह से नंवबर के महीने में तय कर दी थी। परिवार के सभी लोग उसकी तैयारियों में जुटे हुए थे। कोटा में मैरिज हॉल, हलवाई और अन्य कई बुकिंग करवा दी थी। संगीता की मां अपनी बेटी की शादी को लेकर बहुत खुश थी। वह एक माह पहले अपने किसी रिश्तेदार के यहां बारां जिले में गई हुई थी। जब वो वहां से लौटी तो उसकी तबीयत खराब हो गई, जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। बेटी संगीता अस्पताल में अपनी मां की देखरेख कर रही थी, इसी दौरान वह भी संक्रमित हो गई। कोटा के एक निजी अस्पताल में दोनों का इलाज चल रहा था।
संगीता जयपुर से B.Tech. सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी। उसकी पढ़ाई की वजह से ही परिवार ने शादी को स्थागित कर दिया था। लेकिन कोरोना ने इस कदर कहर बरपाया कि ना तो उसकी पढ़ाई हो पाई और ना ही उसकी शादी हो सकी। उससे पहले ही संक्रमण उसको लील गया। इस दुखद घटना के बाद से परिवार के साथ पूरे गांव में मामत पसर गया।
संगीता जयपुर से B.Tech. सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी। उसकी पढ़ाई की वजह से ही परिवार ने शादी को स्थागित कर दिया था। लेकिन कोरोना ने इस कदर कहर बरपाया कि ना तो उसकी पढ़ाई हो पाई और ना ही उसकी शादी हो सकी। उससे पहले ही संक्रमण उसको लील गया। इस दुखद घटना के बाद से परिवार के साथ पूरे गांव में मामत पसर गया।
बता दें कि बिनायका गांव में रहने वाले इस पीड़ित परिवार के इस घटना से पूरा गांव दुखी है। बेटी संगीता के दादा कन्हैया लाल (72) इस गांव के सरपंच रह चुके थे। जिनकी दो साल पहले मौत हुई है। वहीं पिता बद्रीलाल (47) का एक साल पहले साइलेंट हार्ट अटैक के चलते निधना हो गया। अब इस परिवार में बद्री बाई (45), 3 पोते-पोतियां बचे थे। लेकिन मां-बेटी की मौत होने से पूरे परिवार की खुशियों को ग्रहण लग गया।
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