हमारे धैर्य, विश्वास और संवेदना की परीक्षा की घड़ी,सावधानी को ही जीवन का मूल मंत्र बनायें- अजय सिंह
भोपाल।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि आज हमारे धैर्य, विश्वास और संवेदना की परीक्षा की घड़ी है| उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने विकराल रूप ले लिया है| हर दिन हम हमारे रिश्ते- नातेदारों, मित्रों और नजदीकी स्नेही प्रियजनों के विछोह की पीड़ा भोगने के लिए विवश हैं| सिंह ने कहा कि यह दुःखद है कि इस आपदा का सामना करने के लिए सरकार द्वारा विलम्ब से की गई आधी अधूरी तैयारी, अदूरदर्शिता, लापरवाही और काम कम प्रचार ज्यादा की मानसिकता की वजह से हालात और ज्यादा भयावह हो चुके हैं|
उन्होंने कहा है हमें निराश नहीं होना है| चाहे कितना भी प्रतिकूल समय हो, हमें अपना धैर्य एवं संयम को बनाये रखना है| मानवीय संवेदना और आपसी विश्वास के बल पर ही हम इस त्रासदी से उबरने में जरुर कामयाब हो सकेंगे| अपनी उम्मीद कायम रखें और सावधानी को ही जीवन का मूल मंत्र बनाकर इस त्रासदी का सामना करें| कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाने और दो गज दूरी रखने के साथ ही वेक्सीन अवश्य लगवाएं और सभी से इसके लिए आग्रह करें|
सिंह ने कहा कि परमात्मा पर भरोसा रखें और अपना ध्यान अवश्य रखें| सबका स्वस्थ और सकुशल होना ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है| उन्होंने आशा व्यक्त की है कि शीघ्र ही हम इस संकट से मुक्त होकर फिर से सामान्य जिन्दगी में लौटेंगे|
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