मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 6 लाख ग्रामीण पथ विक्रेताओं को एक-एक हजार रूपये की सहायता राशि का किया वितरण किया
भोपाल
मुख्यमंत्री श्री चौहान से संवाद में सीहोर से हितग्राही रजत जी ने बताया कि ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद उन्हें 10 हजार रुपये की सहायता शासन से प्राप्त हुई जिसके बाद उन्होंने अपनी दुकान फिर से शुरू की।
गुना से हितग्राही पुरुषोत्तम माली ने बताया कि वह स्वयं का सब्जी का ठेला लगाते हैं और इसके लिये शासन से 10 हजार रुपये से सहायता प्राप्त हुई। श्री चौहान द्वारा पूछे जाने पर बताया कि 45 किलो राशन शासन से प्राप्त हुआ है।
कटनी से हितग्राही बहन भवानी लोधी ने बताया कि वह चाय की आपूर्ति करती हैं अपनी दुकान से। शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए 10 हजार रुपये से अपना काम चलाने में सुविधा मिली है।
छिंदवाड़ा से हितग्राही बहन नेहा ने बताया कि वह जनरल स्टोर चलाती हैं और पिछले लॉक डाउन में दुकान बंद होने के बाद ग्रामीण पथ विक्रेता योजना का लाभ लेकर दुकान खुलवाई और काम शुरू किया।
हितग्राहियों को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने बड़ा संकट पैदा किया और संक्रमण को रोकने के लिये, क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी ने कोरोना कर्फ्यू लगाने का निर्णय किया। इसे रोकने के लिये कर्फ्यू लगाना पड़ा। ऐसे में हमारे छोटे व्यापारी बहन-भाई जो रोज कमाते हैं उनकी आजीविका पर संकट आया।
ऐसी परिस्थिति में हमने तय किया कि हम ग्रामीण पथ विक्रेता योजना लाएंगे ताकि उनका व्यवसाय ठीक ढंग से चल सके। कोरोना की दूसरी लहर में हमने अपने ऐसे बहनों भाइयों के लिये तीन महीने का राशन देने का फैसला लिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जी ने 2 महीने का राशन और देने का फैसला किया।
अब कोरोना का संक्रमण धीरे धीरे नियंत्रण में आ रहा है, संक्रमण वृद्धि दर 2.5% के आस पास है। रिकवरी रेट 94.5% है , बाकी का इलाज जारी है। लेकिन गतिविधियां चालू करने में सावधानी रखनी है। जैसे जैसे हम अनलॉक की तरफ बढ़ेंगे हमें और सावधान रहना है। संक्रमण को बढ़ने नहीं देना है।
मेरी आपसे अपील है कोरोना कर्फ्यू में ढील के बाद भी अत्यंत सावधान रहें, वायरस यहीं है। मास्क लगाकर रखना है, दूरी बनाना है, ग्राहकों को बिना मास्क के सामान नहीं देना है, जो मास्क न लगाए उसे सामान नहीं देना है, कड़ाई करनी पड़ेगी। गोले बनाकर ही सामान दें, नियमों का पालन जरूरी है।
श्री चौहान ने कहा कि मेरा परिवार कोरोना मुक्त परिवार हम यह संकल्प लें, मध्यप्रदेश अवश्य जीतेगा, मानवता जीतेगी।
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