5 G नेटवर्क को लेकर अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्यवाही, आदेश जारी
देशभर में खतरे का कहर जारी है वहीं सोशल मीडिया पर वायरल मैसेजेस में 5G टेक्नोलॉजी को इसका जिम्मेदार ठहराया है. ऐसी कई झूठी खबरें फेसबुक और वाट्सऐप के जरिए जोर पकड़ रही हैं. इन बेबुनियाद दावों से लोगों को लगातार आगाह किया जा रहा है और अब सरकार भी सख्त हो रही है.
हाल ही में हरियाणा के चीफ सेकेटरी ने जिलों में बेसिक टेलीकॉम स्ट्रक्चर और दूसरी संबंधित संपत्तियों की रक्षा करने और 5G Technology को लेकर भ्रामक अफवाहें फैलाने वाले किसी भी बदमाश के खिलाफ सख्त और तत्काल कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है. जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि 5जी तकनीक को कोरोना वायरस से जोड़ने के दावे बेबुनियाद हैं क्योंकि देश में अभी 5जी टेलीकॉम नेटवर्क स्थापित ही नहीं किए गए हैं.
यही नहीं, टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने अभी 5जी नेटवर्क के लिए टेस्टिंग भी शुरू नहीं की है.
इससे पहले क्षेत्र के मोबाइल दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के मंच COAI ने 5जी टेक्नोलॉजी को कोविड-19 महामारी के प्रसार की वजह बताने वाले सोशल मीडिया के फर्जी और भ्रामक संदेशों को हटवाने की मांग को लेकर सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को लिखा था. COAI के सदस्यों में रिलाइंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां शामिल हैं.
सोशल मीडिया 5G को लेकर भ्रामक ऑडियो वायरल
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर लोग ऐसे ऑडियो और वीडियो मैसेज साझा कर रहे हैं जिनमें 5जी टावरों को देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. इन दिनों सोशल मीडिया और वाट्सऐप पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि 5G टेक्नोलॉजी के कारण कोरोना महामारी फ़ैल रही है लेकिन इस वायरल मैसेज में बिलकुल भी सच्चाई नहीं है और इस बात की पुस्टि PIB फैक्ट चेक की टीम ने की है.
तथ्य यह है कि अभी किसी भी कंपनी ने भारत में 5जी टेक्नोलॉजी शुरू नहीं की है. वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भी इस बात को साफ कर दिया है कि 5G टेक्नोलॉजी और Covid-19 में कोई संबंध नहीं है.
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