कोरोना वायरस को जल्द ठीक कर देगी 2-DG दवा, जानिए कैसे किया जाता है इस्तेमाल
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित की गयी कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी की पहली खेप सोमवार को लॉन्च की जाएगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन इस दवा को लॉन्च करेंगे. अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी.
रक्षा मंत्रालय ने इस महीने के शुरू में कहा था कि कोविड-19 के मध्यम लक्षण वाले तथा गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) की ओर से मंजूरी मिल चुकी है.
अधिकारियों ने बताया कि डीआरडीओ के मुख्यालय में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों केन्द्रीय मंत्री इस दवा की पहली खेप को लॉन्च करेंगे.
रक्षा मंत्रालय ने आठ मई को एक बयान में कहा था कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के क्लीनिकल परीक्षण में पता चला है कि इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलती है. साथ ही इस दवा से मरीज जल्दी ठीक होते हैं.
पिछले साल के शुरुआत में महामारी शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तैयारियां करने का आह्वान किया गया जिसके बाद डीआरडीओ ने इस परियोजना पर काम शुरू किया.
पानी में घोलकर पीनी होती है दवा
बताया गया है कि सामान्य अणु और ग्लूकोज के अनुरूप होने की वजह से इसे भारी मात्रा में देश में ही तैयार व उपलब्ध कराया जा सकता है. सहायक पद्धति वह इलाज है जिसका इस्तेमाल प्राथमिक इलाज में मदद करने के लिए किया जाता है. 2-डीजी दवा पाउडर के रूप में पैकेट में आती है, इसे पानी में घोल कर पीना होता है. डीआरडीओ की 2-डीजी दवा वायरस से संक्रमित कोशिका में जमा हो जाती है और वायरस की वृद्धि को रोकती है. वायरस से संक्रमित कोशिका पर चुनिंदा तरीके से काम करना इस दवा को खास बनाता है.
2-डीजी का इस्तेमाल करने वाले मरीज RT-PCR में निगेटिव आए
दवा के असर के बारे में रक्षा मंत्रालय का कहना है कि जिन लक्षण वाले मरीजों का 2डीजी से इलाज किया गया वे मानक इलाज प्रक्रिया (एसओसी) से पहले ठीक हुए. इस दवा से इलाज करने पर मरीजों के विभिन्न मापदंडों के समान होने में एसओसी के औसतन समय के मुकाबले 2.5 दिन कम समय लगा. क्लीनिकल ट्रायल के नतीजों के मुताबिक, इस दवा से अस्पताल में भर्ती मरीज जल्दी ठीक हुए और उनकी अतिरिक्त ऑक्सीजन पर निर्भरता भी कम हुई. 2-डीजी से इलाज कराने वाले अधिकतर मरीज आरटी-पसीआर जांच में निगेटिव आए. कोविड-19 का सामना कर रहे मरीजों को यह दवा बहुत लाभ पहुंचाएगी.
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