मध्यप्रदेश:एकात्म दिवस पर शंकर व्याख्यानमाला का विशेष आयोजन 17 मई को

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मध्यप्रदेश:एकात्म दिवस पर शंकर व्याख्यानमाला का विशेष आयोजन 17 मई को



मध्यप्रदेश:एकात्म दिवस पर शंकर व्याख्यानमाला का विशेष आयोजन 17 मई को
 


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में आचार्य शंकराचार्य जयंती के अवसर पर शंकर व्याख्यानमाला के विशेष प्रसंग का ऑनलाइन आयोजन किया जा रहा है। आचार्य शंकराचार्य जयंती को एकात्म दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर सोमवार 17 मई 2021 को प्रातः 9 बजे श्री कांची कामकोटि पीठ के 70वें पीठाधिपति जगद्गुरु पूज्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी 'आचार्य शंकर-सार्वभौम एकता के ब्रह्मनाद' विषय पर सारस्वत प्रबोधन देंगे। इसी दिन शाम 6 बजे दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठ, श्रृंगेरी के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री विधुशेखर भारती 'सन्निधानम् सीश्रीयंत्र एवं अद्वैत वेदान्त'' विषय पर सारस्वत प्रबोधन देंगे। डॉ. संजय द्विवेदी, ध्रुव बैंड द्वारा आचार्य शंकर विरचित स्तोत्रों का गायन भी किया जाएगा।

प्रमुख सचिव संस्कृति और न्यासी सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि संस्कृति विभाग के आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा जन अभियान परिषद, आदि शंकरा ब्रह्म विद्यापीठ सोमश्रम उत्तरकाशी, अर्श विद्या मंदिर राजकोट, हिंदू धर्म आचार्य सभा के सहयोग से शंकर व्याख्यानमाला का विशेष ऑनलाइन आयोजन किया जा रहा है। प्रबोधन का लाइव प्रसारण आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के यू-ट्यूब लिंक https://youtube.com/c/AcharyaShankarSanskritikEktaNyas पर किया जाएगा।

जगदगुरु पूज्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकरचार्य स्वामीजी श्री कांची कामकोटि पीठ के 70वें पीठाधिपति है। स्वामीजी ने वर्ष 1983 में मात्र 13 वर्ष की आयु में पूज्य जयेन्द्र सरस्वती शंकरचार्य स्वामीजी से संन्यास दीक्षा ग्रहण की थी। कांची परमाचार्य (68वें आचार्य) व पूज्य श्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी (69वें आचार्य) के सानिध्य में रहने के कारण आपको प्रेम से बाल स्वामीजी के नाम से भी जाना जाता है। स्वामीजी ने दोनों आचार्यों के साथ पदयात्राएँ की हैं और श्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी के साथ भारत और नेपाल की व्यापक यात्राएँ भी की हैं।

स्वामीजी के मार्गदर्शन में अनेक चिकित्सालय, वेद पाठशालाएँ, विद्यालय, महाविद्यालय, गौ-शालाएँ और वृद्धाश्रम संचालित किए जा रहे हैं। संस्कृति प्रशिक्षण शिविर जैसी अनेक गतिविधियाँ प्रारम्भ करने के साथ ही आप अनेक सभाओं का आयोजन करते हैं, यथा वेद धर्म शास्त्र परिपालन सभा, अद्वैत सभा, वेद भाष्य सभा, गुरुवर शास्त्र सभा, वार्षिक पंचाङ्ग सभा, अग्निहोत्र सभा इत्यादि। आपने पूर्वोत्तर में वेद, विद्या व वैद्य प्रकल्प प्रारम्भ किया। स्वामीजी ने विद्या में नवाचार के लिए एकीकृत शिक्षा की संकल्पना की है। स्वामीजी आचार्य शंकर द्वारा परिकल्पित वैश्विक एकता, मंत्री एवं सद्भावना के विस्तार के लिए वृहत् कार्य कर रहे हैं।

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