कोरोना संक्रमण से निपटने की चल रही कवायद, अस्पतालों में बढ़ाये जा रहे बेड
भोपाल । (सुधांशु द्विवेदी)
राजधानी के हमीदिया और जेपी अस्पताल में प्रशासन बिस्तर बढ़ाने का दबाव दोनों अस्पताल अधीक्षकों को दे रहा है ,लेकिन हकीकत यह है कि दोनों जगह अब बिस्तर बढ़ाने की गुंजाइश ही नहीं है। जेपी अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए अभी 20 बिस्तर का आईसीयू समेत कुल 77 बिस्तर हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों और सीएमएचओ का कहना है कि कुल 150 बिस्तर किए जाएं। उधर अस्पताल प्रबंधन का तर्क है की और बिस्तर बढ़ाए जाते हैं तो ब्लड बैंक और ऑपरेशन थिएटर बंद करना पड़ेगा। वजह, जो कोरोना वार्ड बनाए जाएंगे उनमें आने-जाने का रास्ता और ब्लड बैंक एवं ऑपरेशन थिएटर के आने जाने का रास्ता एक ही होगा। लिहाजा यहां बिस्तर नहीं बढ़ पा रहे हैं। हालांकि सरकारी रिकॉर्ड में जेपी अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 150 बिस्तर हैं।
इसी तरह की स्थिति हमीदिया अस्पताल की है। यहां अब सिर्फ दो हजार बिस्तर के नए अस्पताल भवन में ही बिस्तर बढ़ाने की गुंजाइश है। कोरोना मरीजों के लिए बिस्तर बढ़ाने के खातिर मेडिसिन के 4 वार्ड पहले ही खाली कराए जा चुके हैं। इसके अलावा नाक कान एवं गला विभाग के भी बिस्तर कम कर दिए गए हैं। सिर्फ गंभीर मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है। एम्स में भी सभी बिस्तर गैर कोरोना मरीजों से भरे हुए हैं। यह कोरोना मरीजों के लिए 30 बिस्तर का आईसीयू है, लेकिन सभी बिस्तर भरे हुए हैं। सभी अस्पतालों के अधीक्षकों का कहना है कि अगर सभी बिस्तर कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित कर दिए जाएंगे तो गैर कोरोना मरीजों की फजीहत शुरू हो जाएगी। ऐसे में अब प्रशासन के पास एक ही विकल्प है कि आयुष अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाया जाए या फिर निजी अस्पतालों से अनुबंध किया जाए।
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