मॉब लॉन्चिंग:पुलिस जवान बेटे को भीड़ ने पीट पीटकर उतारी मौत के घाट, सदमे के चलते माँ की भी हुई मौत, दोनों की एक साथ उठी अर्थी
मॉब लिंचिंग के दौरान शहीद हुए पुलिस जवान इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की मां का भी निधन हो गया है. अश्विनी कुमार की मां उर्मिला देवी 70 वर्ष की थी. रविवार की सुबह जैसे ही उन्होंने अपने बेटे के शहीद होने की खबर सुनी वो यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई और उनके घर पूर्णिया जिला के जानकीनगर थाना के पांचों मंडल टोला में उनका निधन हो गया. हालाँकि उर्मिला देवी पहले से ही हर्ट की मरीज थी।
बताया जा रहा है परिजन उनको बेटे की मौत की सूचना नहीं दे रहे थे लेकिन जैसे ही उन्हें जब बेटे की मौत की जानकारी हुई तो वह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई, अब एक ही घर से शहीद और उनके मां दोनों की अर्थी एक साथ निकली.
आज यानी रविवार को करीब 2 बजे गांव में ही दोनों का अंतिम संस्कार होगा. इस घटना की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर छा गई है. हर कोई शहीद दरोगा के बहादुरी कर्तव्यनिष्ठा और इमानदारी की प्रशंसा कर रहे हैं
किशनगंज नगर थाने के SHO अश्विनी कुमार अपनी टीम के साथ एक लूट कांड के मामले में छापेमारी करने गए थे. इसी दौरान हिंसक भीड़ ने उन्हें पीटकर मार डाला. इस मामले में डीजीपी एसके सिंघल ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से बात की है.उन्होंने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि शहीद इंस्पेक्टर के परिजनों को मदद की जाएगी.
घटना के बारे में डीजीपी ने बताया कि पुलिस इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार लूट कांड के सिलसिले में छापेमारी करने गए थे. अपराधियों का कनेक्शन सीमावर्ती पश्चिम बंगाल के क्षेत्र से होने की जानकारी पर उन्होंने पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के पांजीपाड़ा थाने को सूचना देने के बाद छापेमारी शुरू की. इसी दौरान पंजीपाड़ा थाने के पनतापाड़ा गांव में भीड़ ने अपराधियों के बचाव में पुलिस पर हमला कर दिया. आरोप है कि पश्चिम बंगाल की पुलिस ने सूचना के बावजूद बिहार पुलिस की टीम को कोई सहयोग नहीं किया.घटना की सूचना पर बिहार से पुलिस प्रशासन की टीम आनन-फानन में मौके पर पहुंची. पूर्णिया के आईजी सुरेश चौधरी और एसपी कुमार आशीष भी पहुंचे. किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष का शव पोस्टमॉर्टम के लिए इस्लामपुर अस्पताल लाया गया, जहां वरीय अधिकारियों की मौजूदगी में शव का पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया. किशनगंज के थानेदार की हत्या शनिवार की सुबह करीब चार बजे की गई. बताया जा रहा है कि छापेमारी करने गई टीम पर भीड़ ने अचानक हमला बोल दिया. इस दौरान बाकी पुलिसकर्मी तो बच निकले, लेकिन अंधेरे में इंस्पेक्टर अश्विनी अपराधियों के हाथ लग गए. अपराधियों ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी. उनका गला दबाए जाने की बात भी सामने आ रही है।
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