मझौली तहसीलदार ने कहा, हम कोरोना पकड़े या अवैध महुआ, मीडिया खुद पकड़े
(रवि शुक्ला)मझौली।
भले ही दिखावे के लिए या शायद जहां से महीना ना बंधा हो मझौली स्थानीय प्रशासन नाम मात्र की कार्यवाही कर वाहवाही लूटने या काली कमाई करने में जुटा हो पर कोरोना कर्फ्यू समय अवधि में मझौली में जमकर अवैध उत्खनन हुआ व्यापार फल फूल रहा है जबकि अन्य रजिस्टर्ड व्यापारियों को शटर उठाना मुश्किल पड़ रहा हो। लोगों को बाहर निकालना मुश्किल हो गया हो। एक ऐसा ही ताजा मामला 25 अप्रैल को मझौली मेन बाजार के एक घर में रखे हुए अवैध महुआ पिक अप वाहन 407 में शाम 7 बजे के लगभग लोड किया जा रहा था तहसील से निकली तहसीलदार की गाड़ी के पीछे- पीछे मीडिया इस उद्देश्य से जा रही थी की कहीं कुछ कार्यवाही की जाएगी लेकिन मीडिया को देखते हुए तहसीलदार की गाड़ी जिसमें एसडीएम के बैठे होने की भी जानकारी मिल रही है सीधे मड़वास रोड निकलती है वही मीडिया की टीम बाजार की देवी मंदिर की तरफ जाती है जहां से महुआ का अवैध व्यापार किए जाने की सूचना मिल रही थी । जब मीडिया की टीम उसी स्थान पर पहुंचे तो 5 से 6 लोग अवैध व्यापार करने वाले वहां खड़े थे। पिकअप वाहन जिसका नंबर mp 19 GA-1201 है में महुआ लोड किया जा रहा था।
तुरंत ही मीडिया द्वारा मझौली तहसीलदार बीके पटेल को पहले उन्हें मैसेज किया गया जब कोई रिप्लाई नहीं आया तो फोन लगा कर उन्हें जानकरी दी गई, फ़ोन में जानकरी देते ही तहसील दार के बेतुका बयान आया उनके द्वारा बोला गया की हम कोरोना पकड़े या महुआ ,महुआ आप लोग खुद पकड़िए हमारे पास आदमी नहीं हैं, और जब एसडीएम को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन रिसीव करना उचित नहीं समझा वही जब इस घटना की जानकारी पुलिस प्रशासन को दी गई तो उनका कहना था कि इस पर कार्यवाही करना राजस्व का अधिकार होता है हम लोग पकड़ते हैं और राजस्व छोड़ देता है। इतना ही नहीं तहसीलदार मैसेज पढ़ने के बाद यह तक मीडिया को नहीं बताते कि इस तरह के महुआ का परिवहन किया जाना उचित है या अनुचित है। अब देखना होगा कि क्षेत्र में जारी अवैध उत्खनन अवैध व्यापार एवं नियम को ताक पर रख संचालित मार्बल खदाने , क्रेशर संचालकों पर लगाम लगाया जाकर ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों पर जिला प्रशासन क्या कुछ कार्यवाही करता है ।
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