सीधी: स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही: कोरोना पॉजिटिव महिला अस्पताल से हुई फरार, मचा हड़कंप
सीधी।
बीते दिनों रामपुर नैकिन फीवर क्लिनिक में फर्जी कोरोना रिपोर्ट फार्मासिस्ट के द्वारा बनाई गई थी जिसका मामला अभी थमा भी नहीं था, ना ही अभी दोषी कर्मचारी पर किसी तरह की कोई कार्रवाई की गई है इधर स्वास्थ्य विभाग की एक दूसरी बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां डीसीएससी में भर्ती कोविड पॉजीटिव महिला अस्पताल से फरार हो गई है जहां कोरोना का खतरा और बढ़ गया है।
कोरोना महामारी जैसे खतरनाक वायरस को रोकने के लिए प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक नई नई गाइडलाइन जारी करते हैं लेकिन सीधी में उनका निर्देश हवा हवाई है। इसकी बड़ी बानगी बीते शनिवार के शाम 7:30 बजे देखने को मिली जहां स्वास्थ विभाग की लापरवाही के कारण कोरोना पाजटिव महिला अस्पताल से फरार हो गई जिससे हड़कंप मच गया। सवाल ये है कि आखिर स्वास्थ्य विभाग कब सुधरेगा ?
ये है पूरा मामला:-
बीते शानिवार को इरौआ रजक उम्र 36 साल निवासी कोल्हुडीह कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी जहाँ डीसीएससी में भर्ती किया गया था। बताया गया कि भर्ती के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा संवेदनशीलता के साथ काम नहीं करने के कारण काफी देर तक महिला अकेली बिना दवा के ही भटक रही थी जिसके बाद वो बाहर निकल कर चुपचाप गायब हो गई। बताया गया कि ड्यूटी डॉक्टर की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से लड़ रही महिला की ना ही सही ढंग से देख रेख की गई, ना ही सही टाइम पर उपचार किया गया जिसका नतीजा ये निकला कि उक्त महिला फरार हो गई।
स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही आई सामने:-
उक्त कोरोना पॉजिटिव महिला पेशेंट के भागने से स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई है वहीं ड्यूटी डॉक्टर एवं डीसीएससी इंचार्ज की भी लापरवाही सामने आई है। उल्लेखनीय है कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई नहीं होने से हौसले बुलंद हो जाते हैं और लापरवाही में कोई सुधार नहीं होता है जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। देखना बांकी होगा कि इस मामले पर दोषी स्वास्थ्य कर्मियों पर क्या कार्रवाई की जाएगी।
हटाए गए थे कोविड कर्मचारी
उल्लेखनीय है कि कोरोना कॉल के दौरान रिश्वत के दम पर कोविड-19 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी जहां महीनों तक पूरा मामला मीडिया की सुर्खियों में बना था। खबर मीडिया में आने के बाद सभी कर्मचारियों को हटा दिया गया था जहां 10 स्टाफ नर्स रखने का आदेश था इसके बावजूद भी सभी को हटा दिया गया था।
डीसीएससी में इनकी है ड्यूटी
सभी कोविड कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद जिला चिकित्सालय की डॉ. राजेश कोल तथा डॉ. नितिन सिंह की ड्यूटी लगाई गई थी, वहीं स्टाफ नर्स जयललिता सिंह डीसीएससी की इंचार्ज है। बात करें स्टाफ नर्सों की तो शोभा सिंह पटेल, अंजली वर्मा, अनुराधा नामदेव की ड्यूटी लगाई गई है, ये बात समझ के परे है कि कागज में तो ड्यूटी लगी है लेकिन धरातल पर नजर नहीं आते हैं जिसका फायदा उठाकर कोविड पॉजीटिव मरीज भाग जाता है। वहीं पूरे मामले को गंभीरता से लेकर कलेक्टर ने जांच कर कार्यवाही के आदेश दिए हैं।
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