सीधी:गलत इलाज से हुई 5 वर्षीय बच्चे की मौत,परिजनों ने किया चक्का जाम
सीधी।
डॉक्टर को कलयुग में भगवान का दर्जा दिया जाता है लेकिन जब यही लालची भगवान शैतान बन जाए तब जिंदगी बचाने की बजाय जिंदगी चली जाती है।
ये हाल सीधी शहर का नहीं बल्कि पूरे जिले में है, जहां झोलाछाप डॉक्टर गली-गली में अपना क्लीनिक खोलकर दुकान चला रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा कार्रवाई नहीं करने के कारण आम जनता को इसकी कीमत जान देकर चुकानी पड़ती है।
इसकी वानगी कल मंगलवार को दोपहर 2 बजे देखने को मिली, जहां परिजनों ने आरोप लगाया कि शहर के एक नर्सिंग होम के डॉक्टर द्वारा गलत दवाई किए जाने से 5 वर्षीय बच्ची की 15 मिनट के अंदर मौत हो गई। जानकारी के अनुसार कल दोपहर 2 बजे के लगभग पुरानी सीधी निवासी जयकरण केवट अपनी 5 वर्षीय नातिन नेहा केवट को अचानक पेट में दर्द उठने के कारण एक नर्सिंग होम सीधी में कार्यरत डॉक्टर के पटेल पुल स्थित घर में ले गए। जहां डॉक्टर के द्वारा दवाई की गई परंतु 15 मिनट के अंदर ही बच्ची की जान चली गई जिससे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
शव रखकर किया चक्का जाम
घटना के बाद नाराज परिजनों ने बस स्टैंड के सामने बच्ची का शव रखकर घंटो चक्का जाम किया। परिजनों के द्वारा ये मांग की गई कि डॉक्टर के ऊपर मुकदमा दर्ज कर कारवाई की जाए। जहां कोतवाली पुलिस के समझाइश के बाद धरना समाप्त किया गया। वहीं कोतवाली पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
जिले भर में फैले हैं झोलाछाप डॉक्टर
ये कोई पहला मामला नहीं है इसके पूर्व में भी ऐसे कई मामले उजागर हुए हैं जहां प्रशासन ने कार्रवाई करने का दावा तो किया है लेकिन अभी तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि ऐसे ही झोलाछाप डॉक्टर शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक अपनी पैठ जमा चुके हैं। जहां अंदाजे में इलाज किया जाता है। बीते दिनों अमिलिया थाना अंतर्गत एक बंगाली डॉक्टर के ऊपर भी गलत इलाज का आरोप लगा था लेकिन आज तक प्रशासन ने उस डॉक्टर के ऊपर कोई भी कार्रवाई नहीं की है। वहीं इसी तरह गली-गली कुकुरमुत्ते की तरह झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक खोलकर बैठे हैं जिसकी कीमत आम जनता को जान देकर चुकानी पड़ती है।
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