समुचित स्वास्थ्य व्यवस्था का आभाव से लगातार हो रही मृत्यु,एक दर्जन से अधिक डॉक्टरों की भूमिका निभा रहे 2--3 डॉक्टर
मझौली।
उपखंड क्षेत्र अंतर्गत लगातार हो रही लोगों की मृत्यु से एक और जहां समूचे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ रही है वही स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लोगों की चिता बढती जा रही है इतना ही नहीं स्वास्थ्य ब्यावस्था को लेकर लोगों के बीच तरह तरह की चर्चाएं भी होने लगी है जिसको लेकर अब क्षेत्र की जनता दवा कम बल्कि आस्था में ज्यादा विश्वास कर रही हैं । वहीं क्षेत्र में फैल रहे कोविड-19 संक्रमण से भयभीत दिख रही है जिससे साफ जाहिर होता है कि क्षेत्र में अभी भी जन जागरूकता की कमी है जिस में अभी भी सुधार होता नहीं दिख रहा है। बता दें कि विगत 1 हफ्ते के अंदर क्षेत्र में लगभग दर्जन भर मौते हो चुकी है जिसमें ना केवल कोविड-19 के मरीज सम्मिलित हैं बल्कि अन्य रोगों के मर्ज के मृतक ज्यादा है । जिन्हें नजदीकी समुचित स्वास्थ्य सुविधा ना मिल पाने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ रही है। यदि स्वास्थ्य व्यवस्था पर नजर दौड़ाई जाए तो केवल स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर भवन तैयार कर दिए गए हैं जहां पर अधिकांश भवनों में ताला लटकते रहते हैं वहीं मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दर्जनभर डॉक्टरों की भूमिका नाम मात्र के2--3 डॉक्टरों के हवाले हैं तथा स्टाफ की कमी हमेशा बनी रहती है यहां तक की लाखों की एक्सरे मशीन कई वर्षों से जंग खा रही है मात्र एक ऑपरेटर की कमी के कारण यहां के लोगों को एक्सरे कराने 50 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है इस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्था में कमी लोगों को संकट में डाल रखी है। अभी हाल ही में हमारे मझौली क्षेत्र के युवा अरविंद गुप्ता निवासी नगर परिषद मझौली की मृत शहडोल के मेडिकल कॉलेज में हो गई जिसकी चर्चा है कि तबीयत में सुधार था शायद ऑक्सीजन की कमी के कारण इनकी मृत्यु हुई है। वरिष्ठ अध्यापिका मूर्ति नामदेव की मृत्यु जिला हॉस्पिटल सीधी में शायद समुचित स्वास्थ्य व्यवस्था ना मिलने के कारण हो गई। रोहिणी प्रसाद मिश्रा निवासी नगर परिषद मझौली वार्ड क्रमांक 2 की मृत्यु स्वास्थ्य व्यवस्था के अभाव के कारण ही मानी जा सकती है क्योंकि लॉक डाउन होने के कारण परिवार लकवे की दवा कराने बाहर नहीं ले जा सके। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता जिला उपाध्यक्ष सीधी व मझौली के पूर्व सरपंच रामनिवास गुप्ता की मृत्यु कल 21 अप्रैल की रात्रि बाहर दवा कराने ले जाते समय रास्ते में हो गई जो अभी तत्काल में रायपुर से दवा करा कर स्वास्थ्य होकर लौटे थे अचानक तबीयत खराब हो जाने के कारण फिर से क्षेत्र के स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए परिजन दवा कराने बाहर लेकर जा रहे थे। अब सवाल यह उठता है कि जब लोगों को इस संकट कॉल में दवा कराने के लिए 100----200 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है तो इनका जीवन बच पाना कहां तक संभव है। वर्तमान की स्वास्थ्य व्यवस्था से क्षेत्र की जनता काफी नाखुश है तथा दवा से ज्यादा आस्था पर विश्वास कर रही है जिसके लिए प्रतिबंध के बावजूद भी मंदिरों में माथा टेकने पहुंच रही है। फिर हाल कुछ भी हो पर भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मझौली सरपंच रामनिवास गुप्ता, भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता रोहिणी प्रसाद मिश्रा, युवा कार्यकर्ता अरविंद गुप्ता एवं वरिष्ठ अध्यापिका मूर्ति नामदेव की मृत्यु से क्षेत्र में एक ओर जहां शोक की लहर छाई हुई है वही इस तरह की हो रही मृत्यु से जनता भयभीत भी दिख रही है जिससे समूचे क्षेत्र में सन्नाटा सा छाया हुआ है तथा लोगों में हड़बड़ाहट देखी जा रही है जिस को दूर करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के अनभिज्ञ लोगों को जागरूक व समुचित व्यवस्था की जानकारी से अवगत कराने जाने की आवश्यकता है । यदि समय रहते जन जागरूकता नहीं लाई जाती तो आने वाले समय मे यह एक विकट समस्या बन सकती है।
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