सीधी:प्राइवेट स्कूल के संचालकों के साथ हुई बैठक:फीस भुगतान के संबंध में

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सीधी:प्राइवेट स्कूल के संचालकों के साथ हुई बैठक:फीस भुगतान के संबंध में



सीधी:प्राइवेट स्कूल के संचालकों के साथ हुई बैठक:फीस भुगतान के संबंध में 


सीधी।
  मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पालकों द्वारा गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों की फीस के भुगतान के सम्बन्ध में तथा पालकों से जबरन फीस की वसूली सम्बन्धी शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए निर्देश प्रसारित किया गया है। उक्त के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत आर.के. शुक्ला की अध्यक्षता में गैर अनुदान प्राप्त शालाओं के साथ बैठक का आयोजन किया गया। श्री शुक्ल ने सभी अशासकीय शालाओं के संचालकों को शासन द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। 

  सीईओ जिला पंचायत श्री शुक्ल ने बताया कि निजी विद्यालय प्रबंधन शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए तथा इसके साथ-साथ शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए विभागीय परिपत्रों द्वारा नियत की गई फीस छात्रों/अभिभावकों से एकत्र कर सकेंगे । उक्त फीस छह समान किस्तों में ली जा सकेगी जो 05.03.2021 से प्रारंभ की जाकर 05.08.2021 को समाप्त होगी। निजी विद्यालय प्रबंधन ऊपर दिये अनुसार बकाया एरियर्स/लम्बित फीस की किस्त के भुगतान न किए जाने के आधार पर किसी भी विद्यार्थी को ऑनलाइन क्लास अथवा विद्यालय में भौतिक रूप से संचालित कक्षाओं में भाग लेने से नहीं रोकेगें। इस आधार पर उक्त विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम को भी नहीं रोका जा सकेगा। भुगतान आदेश के सन्दर्भ में यदि किन्हीं अभिभावकों को फीस के भुगतान में कठिनाई हो रही है तो ऐसे अभिभावकों को यह छूट होगी कि वे अपनी कठिनाई के सम्बन्ध में अपना व्यक्तिगत अभ्यावेदन सम्बन्धित स्कूल को प्रस्तुत कर सकेगे। विद्यालय प्रबंधन द्वारा उक्त अभ्यावेदन को सहानुभूतिपूर्वक विचारण में लिया जाकर प्रकरणवार निराकरण किया जाएगा। व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2021-22 की फीस संग्रहण प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करेगी। इस सत्र 2020-21 हेतु विद्यालय प्रबंधन द्वारा यथा सूचित एवं नियत की गई फीस को अभिभावकों द्वारा देय समय अनुसार भुगतान किया जाना होगा।  अभिभावकों/छात्रों द्वारा शुल्क भुगतान न करने के आधार पर अथवा बकाया होने के आधार पर वर्ष 2021 की आगामी कक्षा 9वीं से 12वीं की परीक्षा में भाग लेने हेतु किसी भी विद्यार्थी को वंचित नहीं किया जाएगा। बकाया शुल्क के भुगतान के लिए सम्बन्धित अभिभावक/छात्र से अण्डरटेकिंग ली जाकर उन्हें परीक्षा में सम्मिलित किया जाए। उक्त निर्देश समस्त सीबीएसई, आईसीएसई, म.प्र.माध्यमिक शिक्षा मण्डल एवं अन्य बोर्ड से सम्बद्ध गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों पर समान रूप से लागू होंगे। 
  इसके साथ ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शुक्ल द्वारा सभी अशासकीय शालाओं को फीस प्रतिपूर्ति के प्रकरणों को निर्धारित समयावधि में प्रेषित करने के लिए कहा है, जिससे सभी प्रकरणों को समयावधि में निराकृत किया जा सकेगा। परीक्षा परिणाम के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा सभी प्राचार्यों को और बेहतर परिणाम लाने हेतु प्रेरित किया गया। मैरिट के अतिरिक्त हायर सेकेण्ड्री में 85 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले छात्रों की संख्या बढ़ाने के उत्कृष्ट प्रयास किये जायें। 

  बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी नवल सिंह, डीपीसी डॉ. के.एम. द्विवेदी, एडीपीसी अशोक तिवारी, एपीसी डॉ. सुजीत कुमार मिश्र सहित समस्त बी.ई.ओ, बी.आर.सी.सी., अशासकीय शालाओं के संचालक एवं प्राचार्य उपस्थित रहें।

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