कोरोना का कहर:सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य
शहडोल।
कोरोना महामारी एक बार फिर लोगों को प्रभावित करने लगी है। जहां एक ओर सरकार ने कई बड़े शहरों में रविवार को टोटल लॉक डाउन का निर्णय लेकर उस पर अमल करना शुरू कर दिया है तो वहीं शहडोल जिले में अभी भी लोग कोरोना को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। इसकी एक तस्वीर जिला अस्पताल के अंदर से मिली है। यहां वार्डों में मरीजों के साथ रहने वाले अटेंडर बेखौफ पलंग के आसपास बिना मास्क और बगैर किसी दूरी के बैठे रहते हैं। इनको बाहर करने के लिए और बिना मास्क के अंदर न आने के लिए कोई न रोकता है न टोकता है जिसके चलते यहां पर वार्ड के अंदर मेला से लगा रहता है। जिला अस्पताल के अंदर जितने भी वार्ड हैं उन सबमें यही हाल है कि मरीजों के अटेंडर हों या फिर मरीज बिना मास्क के ही बैठे रहते हैं। सुरक्षा गार्ड जिनको ये जिम्मेदारी दी गई है कि वे वार्ड के अंदर बढ़ने वाली भीड़ को बाहर करें और लोगों को बिना मास्क लगाए अंदर न आने दें वे सुरक्षा गार्ड या तो डॉक्टर चेंबर के बाहर बैठकर नंबर लगाते नजर आते हैं या फिर स्टाफ के लिए चाय पानी लाने में लगे रहते हैं। अब ऐसे में अस्पताल जैसी जगह ही कोरोना संक्रमण से सुरक्षित नहीं है तो हम अन्य दूसरे सार्वजनिक स्थलों को कैसे सुरक्षित रख पाएंगे। क्यों नहीं समझ रहे हैं लोगः कोरोना वापस नहीं आया है यह गया ही नहीं था। इस बात को लोग समझ नहीं रहे हैं। इनको यह समझना चाहिए कि अभी सभी को वैक्सीन नहीं लग सकती है। वैक्सीन के लगने का इंतजार करना होगा। इसके अलावा वैक्सीन लगने के बाद भी लोगों को मास्क लगाकर रहने के लिए कहा जा रहा है। अब जब कि कोरोना जिले में अपने पैर फिर पसारने लगा है तो हमे जागरूक होना होगा और समझना होगा कि मास्क लगाना बेहद जरूरी है और दो गज की दूरी भी आवश्यक है। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. जीएस परिहार जो कि कोरोना पॉजिटिव थे अब वे स्वस्थ्य हो गए हैं। इन्होंने 21 मार्च को अपनी निगेटिव होने की रिपोर्ट इंटरनेट मीडिया पर वायरल की है। इनका कहना है कि अब मैं स्वस्थ्य हूं और अब अपने काम पर वापस आकर अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखूंगा। वार्ड के अंदर अनावश्यक लोगो की भीड़ न रहे इसके लिए इंतजाम किया जाएगा और मास्क लगाना जरूरी किया जाएगा। लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होना चाहिए।
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