सीधी:चीतल को खदेड़ रहे थे कई कुत्ते,न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फरिश्ता बन बचाई नर चीतल की जान
मझौली ।
एक तरफ जहां एक न्यायाधीश न्यायालय में बैठकर दबे कुचले पीड़ित एवं शोषित लोगों को न्याय देकर न्यायपालिका के प्रति लोगों में विश्वास पैदा करता है वहीं दूसरी तरफ ऐसी संवेदनशीलता दिखाते हुए एक निरीह वन्य प्राणी की जान बचाना जैसे सराहनीय कार्य किया जाना उस पीड़ित वन्य प्राणी के लिए किसी फरिश्ता से कम नहीं माना जा सकता।शायद इसी बात को विद्वानों ने समझते हुए न्यायधीश को भगवान का दर्जा दिया है और यह सनातन काल से होता आया है जब न्यायाधीश के स्थान पर पंच लोग न्याय देते थे और उस समय भी पंच को परमेश्वर माना जाता था उसी बात को व्यवहार न्यायालय मझौली में पदस्थ न्यायिक मजिस्ट्रेट मुनेंद्र सिंह वर्मा द्वारा अपने कार्य से चरितार्थ किया गया जो क्षेत्र में जन चर्चा का विषय बना है।
बताते चलें कि श्री वर्मा के आवास के सामने 25 मार्च गुरुवार को सुबह लगभग 06:30 बजे एक नर चीतल को चार-पांच कुत्ते खदेड़ते हुए आ रहे थे जो अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहा था जिसे देखकर श्री वर्मा उसे बचाने के लिए अपने गेट के बाहर निकल कर कुत्तों को भगाने का प्रयास किए और कुछ क्षण के लिए कुत्ते रुक गए तभी मौका पाते हुए चीतल उनके आवास परिसर में छलांग लगा कर घुस गया और श्री वर्मा द्वारा अपने आवास का गेट बंद करके तत्काल वन विभाग को सूचित किया गया जिनके सूचना पर सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी सामान्य रामजी गुप्ता एवं विटनरी सर्जन जेपी पांडे एवं संजय टाइगर रिजर्व के असिस्टेंट डायरेक्टर अपने टीम के साथ पहुंचे वहीं प्रशासनिक अमला भी जिसमें उपखंड अधिकारी आनंद सिंह राजावत, तहसीलदार वीके पटेल एवं खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश तिवारी भी मौके से पहुंचकर जहां चीतल को रेस्क्यू कर उसका उपचार कराया गया वहीं वन विभाग द्वारा उसे उपचार उपरान्त जंगल में छोड़ने के लिए वाहन से ले जाया गया। रेस्क्यू टीम में सामिल लोंगों मे एस डी ओ दुबरी(संजय टाईगर रिजर्व), रामजी गुप्ता सहायक परिक्षेत्र अधि.मझौली,शिवकुमार,गगन सिंह, रवी सिंह,मनीष जायसवाल,डॉ.जे पी पाण्डेय पशु चिकित्सा अधिकारी मझौली,दलप्रताप यादव रेस्क्यू दल मे शामिल रहे।
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