उद्योग पतियों को देश बेच रही सरकार - आनंद

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उद्योग पतियों को देश बेच रही सरकार - आनंद



उद्योग पतियों को देश बेच रही सरकार - आनंद 


सीधी। 
जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद सिंह चौहान ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि देश को उद्योगपतियों के हवाले कर जनता की गाड़ी कमाई से निर्मित संस्थानों को बेचा जा रहा है। कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने आजादी के बाद सार्वजनिक क्षेत्र में बड़े-बड़े उद्योगों की स्थापना की थी। सार्वजनिक क्षेत्र में स्टील कोयला एयरपोर्ट दूरसंचार बिजली सहित सरकारी बैंकों की स्थापना की गई थी ।साहूकारों के चुंगल से आम जनता को छुटकारा दिलाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था जिन्होंने न सिर्फ़ जनता की खून पसीने से कमाई गई बचत की रक्षा की बरन देश के औद्योगिक करण में सरकारी बैंकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। श्री सिंह ने आगे कहा है कि देश की 245 से भी अधिक की निजी बीमा कंपनियों को मिलाकर 1956 में उनका राष्ट्रीयकरण कर जीवन बीमा निगम की स्थापना की गई थी। जिसने देश के विकास और पंचवर्षीय योजनाओं के लिए 30 लाख करोड़ से भी ज्यादा का योगदान किया है। उसके भी निजी करण के लिए सरकार  संसद में विधेयक लेकर आई है और  उसमें भी निजी करण कि शुरुआत की जा रही है। लेकिन विगत 6 वर्षों में मोदी सरकार के गलत नीतियों की वजह से ना सिर्फ बैंकों का घाटा बढ़ा है वरन उनका राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य सिद्ध नहीं हो पा रहा है इसके लिए पूरी तरह से केंद्र में बनी मोदी सरकार जिम्मेवार है जिसमें राजनीतिक दबाव के कारण बैंकों से लाखों करोड़ों रुपए बड़े-बड़े उद्योगपतियों को कर्ज के नाम पर दे दिया गया और उनकी वसूली नहीं की गई तथा उसे बैंक का घाटा बता दिया गया तथा एनपीए में डाल दिया गया। निजी संचार कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए बी एस एन एल को बर्बाद करके रख दिया गया बड़ी हास्यास्पद बात है कि जितनी भी निजी संचार कंपनियां हैं उन सभी ने बीएसएनल द्वारा बनाए गए सरकारी टावरों और आधारभूत संरचना का प्रयोग कर स्वयं तो लाखों करोड़ों रुपयों का मुनाफा कमाया लेकिन बीएसएनल को 4G सेवा शुरू करने तक की अनुमति इसी मोदी सरकार के द्वारा नहीं दी गई। बड़ी ही सोची समझी रणनीति के तहत सरकारी क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों में लगातार घाटा पैदा किया गया ताकि उन्हें अडानी अंबानी के हाथों जो कि भाजपा के कारपोरेट मित्र हैं उन्हें सौंपने की तैयारी की गई। मोदी सरकार कहती है कि व्यवसाय चलाना सरकार का काम नहीं है लेकिन देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सरकारी कंपनियों को बेच कर यह सिद्ध किया जा रहा है कि हमें जनता की की गाढ़ी कमाई से बने संस्थानों को पूंजी पतियों के हवाले करने से कोई नहीं रोक सकता है। निजीकरण के जिस रास्ते पर केंद्र की भाजपा सरकार जा रही है उसका दुष्परिणाम भाजपा शासित राज्यों पर भी पड़ रहा है। लाखों रुपए की पूंजी और अधोसंरचना रखने वाले विद्युत मंडल कंपनियों को मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार एक रुपए की आधार पूंजी पर बेचने की तैयारी उद्योगपतियों के लिए कर रही है। अगर आने वाले समय में इस प्रक्रिया को रोका नहीं गया तो इसके गंभीर दुष्परिणाम जनता को भुगतने पड़ेंगे और भाजपा सरकार राम मंदिर और धारा 370 हटाने के नाम पर जनता से वोट मांगेगी और देश में जनता के मुद्दों के प्रति सरकार की जवाबदेही पूरी तरह खत्म होती दिख रही है। पूर्व अध्यक्ष आनंद सिंह चौहान ने कहा है कि कांग्रेश पार्टी लाभ में चल रहे केंद्रीय संस्थानों के निजीकरण का विरोध करती है और आगे भी करती रहेगी। तथा ऐसी नीतियों का समर्थन करती है जिससे केंद्रीय संस्थानों का मुनाफा बढ़े और उन्हें उद्योगपतियों को कौड़ी के दामों में ना बेचा जा सके।

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