नीरस बजट में शिवराज सिंह की दूरदृष्टि और संवेदनशीलता का अभाव - अजय सिंह

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नीरस बजट में शिवराज सिंह की दूरदृष्टि और संवेदनशीलता का अभाव - अजय सिंह



नीरस बजट में शिवराज सिंह की दूरदृष्टि और संवेदनशीलता का अभाव - अजय सिंह


युवाओं, कर्मचारियों और बुजुर्ग पेंशनर्स को निराश किया 
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राम वनगमन पथ के विकास को भूल गए 
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सपने दिखाकर ठगने में माहिर हैं मुख्यमंत्री 
-अजय सिंह

सीधी। 
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश के नीरस बजट में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की दूरदृष्टि और संवेदनशीलता की कमी स्पष्ट दिख रही है| बजट से ज्यादा सरकार पर कर्ज का बोझ है| राम वनगमनपथ के विकास का कोई उल्लेख नहीं है| सरकार बनने के बाद शिवराजसिंह राम को भूल गए| कर्मचारियों और खासकर साढ़े चार लाख पेंशनर्स के कोरोना काल में रोके गए डी.ए. के भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है| सभी पेंशनर्स वरिष्ठ नागरिक हैं और कुछ तो बहुत ही बुजुर्ग हैं| कम से कम उनके लिए तो शिवराजसिंह को दया भाव दिखाना था| उन्हें जुलाई, 19 से डी.ए. नहीं दिया जा रहा है| ढलती उम्र के चलते डी.ए. को लेकर सभी चिंतित हैं| 
अजयसिंह ने कहा कि अपने स्वभाव के अनुरूप शिवराजसिंह ने बेरोजगारों को फिर से हजारों नौकरियों के सपने दिखाये हैं| बजट में कहा गया है कि ये नौकरियाँ शिक्षा और पुलिस विभाग में दी जाएंगी जबकि हर विभाग में हजारों पद खाली हैं| व्यापम की शिक्षक परीक्षा पास बेरोजगार युवकों और संविदा शिक्षकों को तो अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई और शिक्षकों की नई भर्ती का ऐलान कर दिया| यह घोषणाएँ विरोधाभासी हैं| नौकरी की बाट जोह रहे हजारों युवाओं की पथरायी आँखों के सपने बेचने का काम मुखयमंत्री कर रहे हैं| 
अजयसिंह ने कहा कि कोरोना योद्धाओं को दस दस हजार रुपए प्रोत्साहन राशि देने की ऊंची ऊंची घोषणाएँ की गई थी लेकिन बजट में इसका कोई प्रावधान नहीं है| सस्ती और मुफ्त बिजली योजनाओं की सब्सिडी 13 हजार करोड़ रुपए का भुगतान सरकार ने अभी तक नहीं किया है| इस कारण बिजली कंपनियों ने घाटा बताकर बिजली के रेट बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है| पेट्रोल, डीजल पर वेट नहीं घटाया गया है| पहले ही महंगाई से जूझ रही गरीब जनता हलाकान है| मध्यप्रदेश में मकान, जमीन की रजिस्ट्री शुल्क पूरे देश में सबसे ज्यादा है| इसे भी नही घटाया गया है जिससे रियल स्टेट में घोर निराशा है| जनता को लुभाने के लिए 460 नई सड़कें, 65 पुल और 105 आर.ओ.बी. निर्माण के सपने तो दिखाये गए हैं लेकिन हरेक के लिए एक एक हजार रुपए का टोकन बजट रखा गया है| इसी तरह स्वरोजगार में सब्सिडी का बजट बहुत कम रखा गया है| इसमें केवल 112 करोड़ रुपए का प्रावधान ऊंट के मुंह में जीरा है| कांग्रेस सरकार की किसान कर्ज माफी योजना को बड़ी होशियारी के साथ हाशिये पर डाल दिया गया है| जबकि कमलनाथ की कांग्रेस सरकार ने आठ हजार करोड़ का प्रावधान किया था| कुल मिलाकर बजट के बाद शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री की तरह नहीं बल्कि एक भविष्यवक्ता ज्योतिषी की तरह खड़े दिखाई दे रहे हैं|

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