कोरोना मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करते समय बिगड़ने लगे थे हालात,डॉक्टरों की सूझबूझ से बची मरीजों की जान

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कोरोना मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करते समय बिगड़ने लगे थे हालात,डॉक्टरों की सूझबूझ से बची मरीजों की जान



कोरोना मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करते समय बिगड़ने लगे थे हालात,डॉक्टरों की सूझबूझ से बची मरीजों की जान 


(सुधांशु द्विवेदी)भोपाल ।
 राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखे मरीजों को एक से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करते समय ऑक्सीजन की कमी पड़ गई। इस वजह से 10 मरीजों की हालत बिगड़ गई। अस्पताल में डेढ़ घंटे तक इसकी वजह से हड़कंप मचा रहा। मरीजों की हालत बिगड़ने से उनके परिजन भी काफी परेशान हो गए। गनीमत यह रही कि डॉक्टरों की सूझबूझ के चलते किसी की जान नहीं गई। दरअसल, हमीदिया अस्पताल में कोरोना के संदिग्ध मरीजों को भर्ती करने के लिए कोरोना वार्ड बनाया जा रहा है। यह मेडिकल वार्ड-दो में बनाया जा रहा है। इस वार्ड में पहले से कुछ मरीज भर्ती थे, इनमें 17 गंभीर मरीज भी शामिल हैं, जिन्हें वेंटिलेटर पर रखा जा रहा है। इन सभी मरीजों को बाजू से सटे मेडिकल वार्ड-एक में शिफ्ट किया जा रहा था, तभी हालत बिगड़ गए थे। जिन मरीजों की हालत बिगड़ी, उनमें से एक मेडिकल का छात्र भी है। हमीदिया अस्‍पताल के डॉक्टरों के मुताबिक हालत बिगड़ने की वजह यह रही कि एक वार्ड से दूसरी जगह शिफ्टिंग के समय मरीजों को वेंटिलेटर से निकालकर अंबू बैग की मदद से ऑक्सीजन दी जा रही थी। लेकिन वेंटिलेटर से जितनी मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है, उतनी अंबू बैग से नहीं मिलती है, इसलिए कुछ मरीजों की हालत बिगड़ गई। हालात यह बन गए कि डॉक्टरों व अस्पताल कर्मियों के साथ-साथ परिजनों को खुद मरीजों को अंबू बैग के जरिए ऑक्सीजन देनी पड़ी। कुछ देर की मशक्‍कत के बाद हालात काबू में आए।

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