दो अंको से चूके याचिकाकर्ताओं को दिया जाए अतिरिक्त अंक- न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन
जबलपुर।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने पीएससी को आदेश दिया है कि वह रीवा निवासी अजय कुमार मिश्रा व विक्रम सिंह को मुख्य परीक्षा में शामिल करे। पीएससी की मुख्य परीक्षा रविवार, 21 मार्च को होनी है। यह मामला एक सवाल के दो जवाब सही होने के बावजूद याचिकाकर्ताओं को अंक न दिए जाने के रवैये को चुनौती से संबंधित था। दो अंक से मुख्य परीक्षा में शामिल होने से चूके: याचिकाकर्ता रीवा निवासी अजय कुमार मिश्रा व विक्रम सिंह की ओर से अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पीएससी परीक्षा में शामिल हुए। वे महज दो अंक से मुख्य परीक्षा में शामिल होने से चूक गए। उनका तर्क है कि एक सवाल ऐसा पूछा गया था, जिसके दो जवाब सही थे। लिहाजा, नियमानुसार दोनों जवाब देने वाले प्रतिभागियों को अंक दिए जाने चाहिए थे। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। चूंकि गलती पीएससी की थी, अत: याचिकाकर्ताओं को लाभ मिलना चाहिए। ऐसा होने पर वे मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने एनएचएआइ की सूची संलग्न करके साफ किया कि नेशनल हाइवे क्रमांक- तीन व आठ दोनों ही मध्य प्रदेश को नहीं छूते हैं। लिहाजा, दोनों उत्तर सही थे। पीएससी की नियमावली में स्पष्ट प्रविधान है कि जिस भी प्रश्न के एक से अधिक उत्तर सही होंगे, तो उनके अंक प्रदान किए जाएंगे। इसके बावजूद याचिकाकर्ताओं को अंक न देने से वे मुख्य परीक्षा से वंचित हो गए। हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद अपने आदेश में साफ किया कि भले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा पीएससी में पुनर्मूल्यांकन का प्रविधान नहीं दिया गया है, लेकिन यह मामला अपवाद है। गलती पीएससी की है, अत: याचिकाकर्ताओं को अतिरिक्त अंक देकर मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाए।
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